निबंध (Essay in Hindi) ऐसी गद्य-रचना है जिसमें किसी विषय पर सीमित आकार के भीतर सुंदर ढंग के क्रमबद्ध विचार प्रकट करने का प्रयत्न किया गया हो। उत्तम निबंध-रचना स्वयं में एक कला है। निबंध में लेखक को अपने मौलिक व्यक्तित्व एवं गागर में सागर भरने की शक्ति का परिचय देना होता है।
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निबंध का अर्थ
नि + बंध से बना है—निबंध (Essay in Hindi) । इसका अर्थ होता है अच्छी तरह से बाँधना। किसी विषय-वस्तु से संबद्ध विभिन्न विचार, यदि क्रमबद्ध रूप में एकत्र किए जाएँ, तो वह निबंध का रूप ले लेगा। दूसरे शब्दों में, ‘निबंध’ गद्य-साहित्य की ऐसी विधा है जिसके माध्यम से संक्षिप्त रूप में किसी विषय-वस्तु से संबद्ध संपूर्ण तथ्यों को दर्शाया जाता है।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तो निबंध को गद्य की कसौटी कहा और इसी को भाषा की पूर्ण शक्ति के विकास में सबसे अधिक सहायक एवं उपयोगी माना। इसमें भाषा का मानक और प्रांजल रूप सामने आता है। यह लेखक की विषय से संबंधित जानकारी, अनुभव और विचारों की सुसंबद्ध प्रस्तुति है। इसमें लेखक को विषय से भटकने की छूट नहीं होती। विषय के सभी पहलुओं पर अपने विचारों को लिखकर प्रस्तुत करना होता है।
अँग्रेजी भाषा में निबंध को Essay कहते हैं। इसका अर्थ होता है, ‘प्रयत्न करना। दूसरी तरफ, हिन्दी (Essay in Hindi) में निबंध का अर्थ है अच्छी तरह बाँधना। इस प्रकार ‘निबंध’ और ‘Essay’ के अर्थ को देखने से ऐसा लगता है कि जिस प्रकार एक पतंग आकाश में स्वच्छंद भाव से इधर-उधर विचरण करती रहती है, लेकिन उसकी डोर किसी स्थिर वस्तु से बँधी होती है, फलतः उसे उड़ने की स्वतंत्रता तो होती है, लेकिन एक सीमा में।
इस प्रकार, अँग्रेजी और हिन्दी शब्दों के मूल अर्थ में पर्याप्त अन्तर है। एक ओर बन्धन है, तो दूसरी ओर ढीलापन। इस तरह दो विशेषताओं की सहायता लेकर यदि हिन्दी और अंग्रेजी शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना चाहें, तो हम कह सकते हैं कि हिन्दी के ‘निबन्ध’ शब्द का तात्पर्य ‘परिबन्ध निबन्ध’ है और अँग्रेजी के ‘ऐसे’ का तात्पर्य ‘निर्बन्ध निबन्ध’।
इस तरह, निबन्धों की दो कोटियाँ होंगी।
1. परिबन्ध निबन्ध
2. निर्बन्ध निबन्ध
परिबन्ध निबन्ध में लेखक अपने को बिखरायेगा नहीं। वह अपने विषय पर कुंडली मारकर बे- जायगा। उसका निबन्ध एक रूप सूत्रित रहेगा। रॉबर्ट लिण्ड ने इसके बारे में लिखा है, “Sometimes it is nearly a sermon, sometimes it is nearly a short story. It may be a fragment of autobiography, or a piece of nonsense.” परिबन्ध निबन्ध (Essay in Hindi) में ऐसी बात नहीं हो सकती।
निर्बन्ध : निबन्ध में लेखक को पूरी आजादी है। कभी वह धरती की सुषमा देखे कभी जलक्रीड़ा करे और कभी व्योमविहार, जी० के० चेस्टरटन की तरह रेल के एक टिकट’ पर या ‘खल्ली के एक टुकड़े’ पर तीनों लोकों की परिक्रमा कर जाय। ऐसी ही रचना के लिए ‘A loose sally. of mind; undigested piece, not regular, orderly in performance’ जैसी बात कही गयी है। निबन्ध को बिलकुल असंगठित, अपूर्ण, अव्यवस्थित, अपरिपक्व, शिथिल मन की ढीलीढाली उड़ान कहा गया है। किंतु, अच्छे निबन्ध-लेखक चाहे अपने निबन्धों में कल्पना का इन्द्रधनुषी रंग कितना भी भर दें विचारों में श्रृंखला तो होनी ही चाहिए। हम निबन्धकार से दिवास्वप्न की आकांक्षा नी करते।
निबंध के अंग- निबंध (Essay in Hindi) के तीन अंग होते हैं
- प्रस्तावना– इसमें पाठक को विषय से परिचित कराया जाता है। अतः प्रस्तावना आकर्षक, सारगर्भित और प्रभावपूर्ण होनी चाहिए। इसके अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए।
- विषयवस्तु– इसमें विषय को क्रमिक इकाइयों में बाँटकर विचार-बिंदुओं को तर्कपूर्ण ढंग से लिखना चाहिए। विषय का प्रतिपादन अनुच्छेदों में बाँटकर किया जाना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि निबंध मूल विषय पर ही आधारित है। लेखक प्रसंगानुकूल सूक्तियों और काव्यांशों का प्रयोग करके निबंध को रोचक बना सकता है।
- उपसंहार– निबंध का अंतिम चरण होने के कारण यह जितना सुंदर, संक्षिप्त और आकर्षक होगा, निबंध उतना ही प्रभावशाली होगा। लेखक उपसंहार में कभी तो प्रतिपादित विषय का सार लिखता है, कभी अपना दृष्टिकोण लिखता है और कभी-कभी कोई काव्यांश उद्धृत करते हुए निबंध का समापन करता है। उपसंहार इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि पढ़ने वाले के मानस पटल पर इसकी सार्थकता का प्रभाव पड़े।
निबंध के प्रकार (Types of Essay in Hindi)
निबन्धों की कई कोटियाँ निर्धारित की गयी हैं और सभी निबन्धों पर एक ही तरह की जादुई छड़ी नहीं चलानी चाहिए। विचारात्मक, विवरणात्मक तथा भावात्मक निबन्धों के उपस्थापन और विस्तारण में अन्तर होना चाहिए। इन निबन्धों की कोटियों पर ध्यान रखने से बात स्पष्ट होगी
Essay in Hindi मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
1. विवरणात्मक या वर्णनात्मक निबंध; जैसे – हाथी, विद्यालय, बाजार,गाय, रेलगाड़ी, वायुयान, हाट, ग्रामपंचायत आदि।
2. विचारात्मक निबंध; जैसे-एकता, अनुशासन, राष्ट्र-प्रेम, समय पालन, साक्षरता, अनुशासन, देशभक्ति, राष्ट्रभाषा आदि।
3. भावनात्मक या काल्पनिक निबंध; जैसे – एक प्याली चाय, पैसे की आत्मकथा, यदि मैं प्रधानमंत्री होता, बदली घिर आयी, एक प्याली चाय आदि।
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Tips for Essay Writing in Hindi – निबंध लिखते समय इन का ध्यान रखना चाहिए-
निबंध-लेखन का न तो कोई सिद्धांत है और न नियम। यह एक कला है, जो बार-बार लेखन-प्रयास से धीरे-धीरे विकसित होती है। फिर भी, कुछ मुख्य-मुख्य बातों पर ध्यान देने से आप एक अच्छा निबंध-लेखक बन सकते हैं, जैसे
- निबंध के लिए दिए गए विषयों में से ऐसे विषय का चयन करना चाहिए जिसे आप भली-भाँति समझते हों।
- निबंध-लेखन से पूर्व यह आवश्यक है कि विषय से संबंधित सारी सामग्री जुटा ली जाए तथा उस पर गंभीर विचार किया जाए।
- विषय से संबंधित विचारों को क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए।
- भावों में परस्पर तारतम्य बना रहे इसका ध्यान रखना चाहिए।
- विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति, भावो और कल्पना का उचित संयोग होना चाहिए।
- भाषा सरल, प्रभावपूर्ण और स्पष्ट होनी चाहिए। उचित शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।इससे पाठक की रुचि और जिज्ञासा निबंध पढ़ने में बनी रहती है। इसके लिए आवश्यकतानुसार उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, पर्यायवाची शब्द, मुहावरे, लोकोक्तियाँ आदि शब्द-रूपों का यथासंभव प्रयोग करें। लेकिन हाँ, लच्छेदार या उच्च कोटि की भाषा लिखने के प्रयास में कहीं आप गलत और अर्थहीन शब्दों का प्रयोग न कर बैठें, नहीं तो, ‘चौबे गए छब्बे बनने, दूबे होकर आए’ वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी।
- विषय के सभी पक्षों पर लिखते समय अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए।
- व्याकरण संबंधी नियमों को ध्यान में रखते हुए वर्तनी की शुद्धि और विराम-चिह्नों के प्रति सचेत रहना चाहिए।
- निबंध को दी गई शब्द-सीमा के अंदर ही पूरा करना चाहिए।
- निबंध-रचना के तीन प्रमुख तत्व हैं-(क) प्रस्तावना (भूमिका) अथवा आरंभ (ख) विवेचना अथवा मध्य भाग । (ग) उपसंहार अथवा अंत।
- जिस विषय पर आपको Essay in Hindi या निबंध लिखना है, उससे संबंधित ‘भूमिका’ या परिचय-बिंदु (Introductory Point) से इसका श्री गणेश करें। इसमें आपकी भाषा-शैली इतनी प्रभाव पूर्ण होनी चाहिए कि पाठक की रुचि एवं जिज्ञासा निबंध पढ़ने हेतु जाग्रत हो जाए। इसे एक अनुच्छेद में इस प्रकार लिखें कि ‘गागर में सागर’ समाया हुआ लगे।
- भूमिका अथवा परिचय के बाद आवश्यकतानुसार दो-चार अनुच्छेदों (Paragraphs) में विषय से संबंधित संपूर्ण सूचनाओं, तथ्यों आदि को क्रमबद्ध रूप से, परंतु संक्षेप में लिख जाएँ। यह भाग Essay in Hindi या निबंध का मुख्य भाग या धड़ कहा जा सकता है। ध्यान रखें, प्रत्येक अनुच्छेद अलग अलग सूचनाओं या तथ्यों को अपने में समेटे हुए हो। दूसरे शब्दों में, जब विषय से संबंधित कोई एक भाव स्पष्ट हो जाए, तब दूसरे भाव को लेकर दूसरा अनुच्छेद प्रारंभ करें।
- निबंध को दो-चार अनुच्छेदों में लपेटने के बाद जब आपको महसूस होने लगे कि विषय से संबंधित सारे महत्त्वपूर्ण तथ्य अब लिखे जा चुके हैं, तब आती है इसके समापन या उपसंहार की बात। इस भाग में विषय-वस्तु से संबद्ध निष्कर्ष, महत्ता, संदेश आदि की चर्चा करें। इस प्रकार निबंध की यात्रा, भूमिका से आरंभ होकर विभिन्न विचारबिन्दुओं को स्पर्श करती हुई, उपसंहार की अंतिम मंजिल तक पहुँचती हैं। प्रस्तावना के समान उपसंहार भी अत्यंत प्रभावशाली होना चाहिए। निबंध का अंत इस ढंग से किया जाना चाहिए कि मुख्य भाव पाठक के मन-मस्तिष्क में गूंजता रहे।
- निबंध गद्य-साहित्य का एक रूप है, अतः विभिन्न लेखकों की भिन्न भिन्न गद्य-विधाओं (निबंध, प्रबंध, कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी आदि) का अध्ययन करते रहें। इनसे ज्ञान-क्षेत्र के साथ-साथ साहित्यिक-भाषा का विकास होता रहेगा। साथ ही, महान कवियों की काव्य रचनाओं का भी अध्ययन करें और प्रसंगवश उनका प्रयोग निबंधों में करें, फिर आप एक अच्छा निबंध-लेखक बन सकते हैं।
लेकिन, सौ टके की एक बात- “काम ही व्यक्ति को कारीगर बनाता है।” अतः इस क्षेत्र में महारथ हासिल करने हेतु आप विभिन्न विषयों पर बार-बार निःसंकोच होकर निबंध (Essay in Hindi) लिखते या Essay Writing करते जाएँ। सफलता आपके कदम चूमेगी।
Some Essays in Hindi
ऋतुएँ पर निबंध | Season |
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Varsha Ritu – (वर्षा ऋतू) | Sharad Ritu – (शरद ऋतू) |
Grīṣma Ritu – (ग्रीष्म ऋतु) | Vasanta Ritu – (वसन्त ऋतु) |
त्योहारों पर निबंध | महापुरुष पर निबंध |
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मकर संक्रांति (Makar Sankranti) | महात्मा गाँधी |
सरस्वती पूजा | राजेंद्र प्रसाद |
होली – (Holi) | जवाहर लाल नेहरू |
दुर्गा पूजा – (Durga Puja) | लाल बहादुर शास्त्री |
दीपावली – (Deepawali)/दिवाली – (Diwali) | इंदिरा गाँधी |
गुड फ्राइडे | राजीव गाँधी |
ईस्टर | अब्दुल कलाम |
ईद | अटल बिहारी वाजपेयी |
मुहर्रम | मदर टेरेसा |
बकरीद | भगवान महावीर स्वामी |
सरहुल | स्वामी दयानन्द सरस्वती |
सोहराय | नेताजी सुभाष चंद्र बोष |
रक्षा बंधन | डॉ भीमराव आंबेडकर |
क्रिसमस | राजा राममोहन राइ |
गणतंत्र दिवस | स्वामी विवेकानंद |
स्वतंत्रता दिवस | कल्पना चावला |
शिक्षक दिवस | वीर सावरकर |
छठ पर्व | बिरसा भगवान |
मेरे प्रिये कवि तुलसी दास | |
किरण बेदी | |
प्रेमचंद |
विज्ञानं-संबंधी निबंध | विज्ञानं-संबंधी निबंध |
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विज्ञानं – वरदान या अभिशाप | मोबाइल |
विज्ञानं के चमत्कार | क्या है क्लोन |
मनोरंजन के आधुनिक साधन | समाचार पत्र |
दूरदर्शन से लाभ व हानि | इंटरनेट |
टेलीविज़न | कंप्यूटर |
अंतरिक्ष में भारत | अंतरिक्षयान |
भारत में परमाणु विस्फोट | वायुयान |
युद्ध और शांति | रेलगारी |
अंतरिक्ष में क्रन्तिकारी उपलब्धियाँ | चलचित्र |
दिल्ली मेट्रो | रेडियो |
साइकिल |
मनोभाव संबंधी निबंध | Attitude essay |
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देशभक्ति | समय का महत्व |
सत्यवादिता | मित्रता |
स्वावलंबन | संगती |
अनुशासन | अध्यवसाय |
एकता | व्यायाम |
परोपकार | स्वाथ्य |