1 Best Essay on Rojgar in Hindi | रोजगार पर निबंध

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Essay on Rojgar in Hindi | रोजगार पर निबंध (400 Words)

रोजगार का अर्थ – Meaning of Rojgar

रोजगार हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसका आशय यह है कि हमारे देश के लोग या तो कोई-न-कोई रोज़गार करते हैं या फिर किसी कंपनी या उपक्रम को अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। अतः रोज़गार वह माध्यम है जिससे लोगों का भरण-पोषण एवं विकास होता है तथा देश की प्रगति को बल मिलता है।

रोजगार के प्रकार – Types of Rojgar

रोज़गार कई प्रकार के हैं। कुछ लोग छोटा रोज़गार करते हैं तो कुछ बड़ा। कुछ लोग किसी सीमित क्षेत्र में ही रोज़गार करते हैं तो कुछ लोग अपने उत्पादों का निर्यात विदेशों में भी करते हैं। ऐसे रोज़गार को व्यापार भी कहते हैं। वर्तमान भारत में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका कारण यह है कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियाँ सीमित होती हैं। शिक्षा प्राप्त सभी लोगों को नौकरी दे पाना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि रोज़गार के नए अवसर तलाशे जाएँ।

नौकरी और रोज़गार में अंतर

लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में भारत सरकार अग्रसर है। आज का युवा यह स्वीकार करता है कि जीवन गुणवत्ता सुधारने एवं आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए स्वरोजगार का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। किसी व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्वरोजगार प्रारंभ करने वाला व्यक्ति दूसरों को भी रोज़गार देता है। सामान्यतया नौकरी एवं रोजगार में कुछ अंतर होता है।

सरकारी एवं निजी प्रयास

रोज़गार में जोखिम अवश्य है परंतु विकास की अनंत संभावनाएँ भी हैं जबकि नौकरी में प्रगति की संभावना केवल अपने तक है और वह भी सीमित है। संभवतः यही कारण है कि भारत सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए सरकार न्यूनतम ब्याज दर पर मुद्रा ऋण उपलब्ध कराता है। सरकार के साथ हमें भी सचेत रहना होगा तथा स्वरोजगार के अवसरों की तलाश करके आगे बढ़ना होगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार की अलग-अलग समस्याएँ हैं। गाँव में कृषि, पशुपालन, मुगापालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन जैसे कार्य किए जा रहे हैं।

गाँवों की ओर से शहर की तरफ़ पलायन रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि किसानों को तकनीकी कृषि के लिए प्रशिक्षित किया जाए एवं समय पर वे साधन उपलब्ध कराए जाएँ जिससे कि खेतों में काम करने वालों को अपेक्षित लाभ मिल सके।

निष्कर्ष

निष्कर्ष स्वरूप हम कह सकते हैं कि देश की आर्थिक प्रगति एवं लोगों की जीवन गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वरोजगार की दिशा में लगातार प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।


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