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Kabaddi Rules in Hindi – कबड्डी खेल के नियम
खेल का मैदान
खेल का मैदान समतल तथा नर्म हो ताकि किसी को चोट न आये। यह मिट्टी, खाद या बुरादे से समतल तैयार किया हुआ होना चाहिए।
पुरुषों के लिए मैदान का आकार 12.5 मीटर 10 मीटर होना चाहिए। केन्द्रीय रेखा इसे दो भागों में बांटेगी। प्रत्येक भाग 10×12.5 मीटर का होगा।
स्त्री तथा जूनियर के लिए मैदान 11 मीटर 8 मीटर होगा। मैदान के दोनों और एक मीटर चौड़ी पट्टी होगी जिसे लॉबी (Lobby) कहते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में केन्द्रीय रेखा से तीन मीटर दूर उसके समान्तर मैदान की पूरी चौड़ाई के बराबर रेखाएं खींची जाएंगी। इन रेखाओं को ‘बॉक रेखाएं‘ कहते हैं। केन्द्रीय रेखा को स्पष्ट रूप से अंकित किया जाना चाहिए। केन्द्रीय रेखा तथा अन्य रेखाओं की अधिकतम चौड़ाई 5 से.मी. या दो इंच होनी चाहिए।
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कबड्डी का मैदान
साइड रेखा और अन्त रेखा के बाहर की ओर 4 मीटर स्थान खुला हुआ छोड़ना आवश्यक है। बैठने का ब्लाक अन्त रेखा से दो मीटर दूर होगा। पुरुषों के लिए बैठने का ब्लाक 2 मीटर x 8 मीटर तथा स्त्रियों व जूनियर के लिए 2 मीटर x 6 मीटर होगा।
- पुरुषों के लिए कबड्डी के मैदान का आकार = 12.5 मीटर x 10 मीटर
- महिलाओं व जूनियर के लिए मैदान का आकार = 11 मीटर x 8 मीटर।
- मिनी लड़के व लड़कियों के लिए मैदान का आकार = 19/2 मीटर x 13/2 मीटर
- प्रकोष्ठ (Loby) की चौड़ाई = 1 मीटर, बोनस रेखा = 1 मीटर।
- केन्द्रीय रेखा व अन्य रेखाओं की चौड़ाई 3 से.मी.।
- बॉक रेखाओं की दोनों क्षेत्रों में केन्द्रीय रेखा से दूरी = 13/2 मीटर।
- पुरुषों के लिए बैठने का ब्लाक = 2 मीटर x 8 मीटर
- महिलाओं के बैठने का ब्लाक = 2 मीटर x 6 मीटर
- प्रत्येक टीम में खिलाड़ियों की संख्या = 12
- मैच में भाग लेनेवाले खिलाड़ियों की संख्या = 7, लाबी = 75 सम
- पुरुषों के लिए मैच का समय = 20-20 मिनट की दो अवधियां।
- स्त्रियों और जूनियर्स के मैच का समय – 20 – 20 मिनट की दो अवधियां।
- मध्यान्तर का समय = 5 मिनट।
सामान व पोशाक
खिलाड़ी की पोशाक बनियान, निक्कर होती है। बेल्ट, सेफ्टीपिन, अंगूठियां पहनने की आज्ञा नहीं है। नाखून कटे होने चाहिए।
मैच के नियम
- मैच के लिए दोनों ही टीमों में 12-12 खिलाड़ी होते हैं। पर एक साथ सात खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे।
- खेल की अवधि पुरुषों के लिए 20 मिनट तथा स्त्रियों व जूनियरों के लिए 15 मिनट की दो अवधियां होंगी। इन अवधियों के बीच 5 मिनट का इंटरवल होगा।
- प्रत्येक आउट होने वाले विपक्षी के लिए दूसरे पक्ष को एक अंक मिलेगा। ‘लोना’ प्राप्त करने वाले पक्ष को चार अंक मिलेंगे।
- खेल की समाप्ति पर सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले पक्ष को विजयी घोषित किया जायेगा।
- टाइ होने पर यानी दोनों पक्षों के अंक बराबर होने पर पांच-पांच मिनट की दो अतिरिक्त अवधियों के लिए खेल होगा। इन अवधियों में खेल दूसरे अर्द्धक के अन्तवाले खिलाड़ी जारी रखेंगे।
- यदि 50 मिनट के खेल के पश्चात् टाई हो जाये तो वह टीम जीतेगी जिसने पहले अंक प्राप्त किए हों।
लोना
जब एक टीम के सारे-के-सारे खिलाड़ी आउट हो जायें तो विरोधी टीम को चार अंक अधिक मिलते हैं। उसको लोना कहा जाता है।
- किसी कारणवश मैच पूरा न होने की दशा में मैच पुनः खेला जायेगा।
- यदि किसी खिलाड़ी को चोट लग जाए तो उस पक्ष का कप्तान ‘टाइम आउट’ मांगेगा। परन्तु टाइम आउट की अवधि दो मिनट से अधिक नहीं होती तथा चोट लगने वाला खिलाड़ी बदला जा सकता है। खेल की दूसरी पारी शुरू होने से पहले दो खिलाड़ी बदले जा सकते हैं। खेल शुरू होने के समय एक या दो या कम-से-कम खिलाड़ियों से भी खेल शुरू किया जा सकता है। जो खिलाड़ी खेल शुरू होने के समय उपस्थित नहीं होते वह भी खेल प्रारम्भ होने के बाद कभी भी खेल में आ सकते हैं। रैफरी को इस विषय में सूचित करना आवश्यक है। यदि चोट गम्भीर हो तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी खेल सकता है। पर प्रथम खेल के अन्त तक केवल दो खिलाड़ी बदले जा सकते
- किसी भी टीम में 5 खिलाड़ी कम होने की दशा में खेल शुरू हो सकता है, परन्तु –
- टीम के सभी खिलाड़ी आऊट होने पर अनुपस्थित खिलाड़ी भी आउट माने जायेंगे और विपक्षी टीम को ‘लोना’ दिया जाएगा।
- यदि अनुपस्थित खिलाड़ी आ जायें तो रैफरी की आज्ञा से वह खेल में भाग ले सकते हैं।
- अनुपस्थित खिलाड़ियों के स्थानापन्न खिलाड़ी कभी भी लिए जा सकते हैं। परन्तु जब वे इस प्रकार लिए जाते हैं तो मैच के अन्त तक खिलाड़ियों को हटाया नहीं जा सकता है।
- मैच पुनः खेले जाने पर किसी भी खिलाड़ी को बदला जा सकता है।
- प्रलेपन की अनुमति नहीं है। खिलाड़ियों के नाखून पूरी तरह कटे हुए हों। खिलाड़ियों की पीठ और सामने छाती पर उसका नम्बर लिखा हुआ होना चाहिए। खिलाड़ी हाथ-पैर पर तेल या कोई चिकना पदार्थ न मले हुए। धातु की कोई अंगूठी, कड़ा न पहने हुए हो।
- खिलाडी को अन्य कोई खिलाड़ी कोई सलाह नहीं देगा, सिर्फ कप्तान अपने अर्द्धक से अनुदेश दे सकता है।
खेल के नियम
- टॉस जीतने वाली टीम या तो अपनी पसन्द का क्षेत्र ले सकती है या पहले आक्रमण करने का अधिकार ले सकती है। मध्यान्तर के बाद क्षेत्र या कोर्ट बदल जायेगा।
- खेल के दौरान मैदान से जाने वाला खिलाड़ी आउट हो जाता है।
- खिलाड़ी आउट हो जाता है –
- यदि किसी खिलाड़ी के शरीर का कोई भाग मैदान की सीमा के बाहर के भाग को स्पर्श कर ले।
- संघर्ष करते समय खिलाड़ी आउट नहीं होगा। यदि उसके शरीर का कोई भी अंग या तो सीधे मैदान को छुये जो सीमा के अन्दर है। सम्पर्क का कोई न कोई भाग सीमा के अन्दर होना चाहिए।
- संघर्ष करते समय लॉबी को भी मैदान में सम्मिलित माना जाता है। संघर्ष की समाप्ति पर वे खिलाड़ी जो संघर्ष में सम्मिलित थे, लॉबी से होते हुए यदि डिफेंस करने वाले खिलाड़ी का पैर पीछेवाली लाईन पर लग जाता है तो वह आउट नहीं है जब तक पैर लाइन से बाहर न निकले लाईन में included है।
- आक्रामक खिलाड़ी को ‘कबड्डी’ शब्द का उच्चारण लगातार करते रहना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो अम्पायर उसे वापिस उसके क्षेत्र में जाने का आदेश देगा व प्रतिपक्षी टीम के खिलाड़ी को आक्रमण करने का आदेश दे सकता है। इस स्थिति में उस खिलाड़ी का पीछा नहीं किया जाएगा।
- यदि सचेत किये जाने के बाद भी कोई नियम का उल्लंघन करता है तो निर्णायक उसकी बारी समाप्त कर सकता है व विपक्षी को एक अंक प्रदान कर देगा।
- खेल के अंत तक दोनों पक्ष बारी-बारी से अपने आक्रामक भेजते रहेंगे।
- यदि विपक्षियों द्वारा पकड़कर छूटा हुआ कोई आक्रामक उनसे बचकर अपने कोर्ट तक जा पहुंचे तो उसका पीछा नहीं किया जा सकता है।
- एक बार एक ही आक्रामक कोर्ट में जायेगा। एक से अधिक आक्रामक द्वारा कोर्ट छोड़े जाने की स्थिति में अम्पायर उन्हें वापिस जाने का आदेश देंगे व उनकी बारी समाप्त कर दी जायेगी। ऐसी स्थिति में उन आक्रामकों द्वारा हुआ कोई खिलाड़ी आउट नहीं माना जायेगा। उनका पीछा नहीं किया जायेगा।
- जो भी पक्ष एक से ज्यादा आक्रमणकारी एक साथ भेजता है, उसे चेतावनी दी जायेगी। यदि चेतावनी देने के पश्चात् भी वह ऐसा करता है तो पहले आक्रामक को छोड़कर बाकी सबको आउट कर दिया जायेगा।
- यदि कोई आक्रामक विपक्षी कोर्ट में सांस तोड़ देता है तो वह आउट माना जायेगा।
- किसी आक्रामक के पकड़े जाने पर विपक्षी खिलाड़ी जान-बूझकर उसका मुंह बंद करके या सांस रोकने या चोट लगने वाले ढंग से पकड़ने में, कैंची या अनुचित साधनों का प्रयोग नहीं करेंगे। ऐसा कुछ करने पर अम्पायर उसे अपने कोर्ट में सुरक्षित पहुंचा हुआ मानेगा।
- कोई भी खिलाड़ी चाहे वह आक्रामक हो या विपक्षी, एक-दूसरे को धक्का नहीं मारेंगे। जो पहले धक्का मारेगा उसे आउट घोषित किया जायेगा। यदि धक्का मारकर आक्रामक को सीमा से बाहर निकाला जाता है तो उसे सुरक्षित लौटा माना लिया जायेगा।
- जब तक आक्रामक खिलाड़ी कोर्ट में रहेगा तब तक कोई भी विपक्षी खिलाड़ी केंद्रीय रेखा के पार आक्रामक के अंग को अपने शरीर के किसी भी भाग से स्पर्श नहीं करेगा। यदि कोई भी ऐसा करता है तो वह आउट घोषित किया जायेगा।
- यदि नियम का उल्लंघन करते हुए कोई आउट हुआ विपक्षी आक्रामक को पकड़ता है या उसे पकड़े जाने में सहायता पहुंचाते हुए नियम का उल्लंघन करता है तो आक्रामक अपने कोर्ट में सुरक्षित लौटा घोषित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त संघर्ष दल के सभी खिलाड़ी आउट घोषित किये जायेंगे।
- जब कोई आक्रामक विरोधी टीम की ओर नम्बर लेकर आता है तो उसका नम्बर तब माना जायेगा यदि उसके शरीर का कोई भी अंग मध्य रेखा को पूरा पार किया हो अर्थात् रेखा क्रॉस की हो।
- यदि कोई आक्रामक बिना अपनी बारी के आता है तो अम्पायर उसे वापिस लौटा देगा। बार-बार ऐसा करने पर अम्पायर उस पक्ष को चेतावनी देने के बाद उसके विपक्षी को एक अंक प्रदान कर सकता है।
- नये नियमों के अनुसार बाहर पानी पीना भी फाउल नहीं है।
- जब एक टीम विपक्षी की पूरी टीम को आउट कर दे तो उसे लोना मिलेगा। जिसके चार अंक होते हैं। उसके पश्चात् खेल पुनः शुरू होगा।
- आक्रामक को यदि अपने पक्ष के खिलाड़ी द्वारा विपक्षी के प्रति चेतावनी दी जाये तो उसके विरुद्ध एक अंक दिया जाता है।
- किसी भी आक्रामक या विपक्षी को कमर या हाथ-पैर के अलावा अन्य कहीं से नहीं पकड़ सकते। इस नियम का उल्लंघन करने वाला आउट होगा।
- खेल के दौरान यदि एक या दो खिलाड़ी रह जायें तथा विरोधी दल का कप्तान उन्हें खेल में लाने के लिए पूरी टीम को आउट घोषित कर दे तो विपक्षियों को इस घोषणा के पहले शेष खिलाड़ियों की संख्या के बराबर के अंकों के अतिरिक्त लोना के चार अंक और प्राप्त होंगे।
- विपक्षी के आउट होने पर आउट खिलाड़ी को उसी क्रम से जीवित किया जायेगा जिसमें वह आउट हुआ था।
- यदि खेल किसी चोट के कारण 20 मिनट तक रूका रहे तो मैच दोबारा खेला जायेगा।
- 5 खिलाड़ियों के साथ में मैच प्रारम्भ किया जा सकता है। पर जब 5 खिलाड़ी आउट हो जायें तो हम पूरा लोना मानेंगे अर्थात् 5+2 अंक खिलाड़ियों के और 4 अंक लोने के। जब दो खिलाड़ी आ जायें तो वे टीम में डाले जा सकते
- लोना के चार अंक होते हैं।
बोनस रेखा
- यह रेखा जूनियर के लिए वाक रेखा से 75 से.मी. दूर होती है और सीनियर के लिए 1 मीटर दूर होती है।
- जब एक रेडर उसकी पूरी तरह क्रॉस करके आता है तो उसको इसका नम्बर मिलता है।
- बोनस लाइन पार करने के पश्चात् यदि कोई रेडर पकड़ा जाता है तो विरोधी टीम को भी उसका नम्बर मिलता है।
- बोनस रेखा तब लागू मानी जायेगी जब 5 से अधिक खिलाड़ी हो अर्थात् 6 या 7। 5 खिलाड़ियों से कम हो जाने पर Raider को बोनस अंक नहीं मिलता है।
- बोनस प्वाइंट को स्कोरर स्कोर शीट पर त्रिभुज बनाकर अंक ऊपर नोट करेगा।
- यदि Raider बोनस लाइन को क्रॉस कर जाता है या एक खिलाड़ी को हाथ भी लगा आता है तो उसे बोनस के अलावा एक प्वाइंट और मिलगा।
निर्णायक
- निर्णायक रैफरी का निर्णय अन्तिम होगा। विशेष दशाओं में रैफरी अम्पायरों के निर्णय को बदल सकता है। भले ही दोनों अम्पायरों में मतभेद हो।
- रैफरी किसी भी खिलाड़ी को त्रुटि करने पर चेतावनी दे सकता है, उसके विरूद्ध अंक दे सकता है या मैच के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है। त्रुटियां निम्नांकित हो सकती हैं :
- निर्णायक के निर्णय के बारे में बार-बार व्यर्थ आपत्ति उठाना।
- अधिकारियों से अपशब्द कहना।
- अधिकारियों के प्रति अभद्र व्यवहार या उनके निर्णय को प्रभावित करना।
तो दोस्तों आपको यह Complete Guide on Kabaddi Game in Hindi | कबड्डी खेल के नियम पर यह आर्टिकल कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस आर्टिकल में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।
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