हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में शब्द (Shabd) (शब्द-विचार) डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए शब्द (Shabd) (शब्द-विचार) को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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राम पढ़ता है। सीता लिखती है।
ऊपर दो वाक्य हैं। पहले वाक्य में तीन शब्द हैं-‘राम’, ‘पढ़ता’ और ‘है’। दूसरे वाक्य में शब्द हैं- ‘सीता’, ‘लिखती’ और ‘है’।
ये शब्द कई वर्णों के मेल से बने हैं। इन शब्दों का अर्थ भी है। अत: वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। जैसे- राम, सीता आदि।
अंग्रेजी में शब्द विचार को ETYMOLOGY कहते है।
Contents
शब्द किसे कहते हैं (Shabd kise kahate hain)
शब्द वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। जैसे = मैं, वह, राम, पटना, लोटा, पंकज आदि।
शब्द और पद—जब कोई शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब वह शब्द ‘पद’ कहलाता है। जैसे
राम आम – संज्ञा शब्द।
खाता, है — क्रिया शब्द।
राम आम खाता है। (राम–कर्तापद; आम-कर्मपद; खाता है—क्रियापद)
स्पष्ट है कि कोई शब्द तब तक शब्द है, जब तक वह किसी वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता; ज्यों-ही वह किसी वाक्य में प्रयुक्त होता है, त्यों-ही वह ‘पद’ हो जाता है।
शब्द के कितने भेद होते हैं (Shabd ke bhed kitne hote hain)
शब्दों के भेद शब्दों के भेद चार आधार पर किए जाते हैं
- अर्थ के आधार पर
- सार्थक शब्द
- निरर्थक शब्द
- व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर
- रूढ़ शब्द
- यौगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
- उत्पत्ति के आधार पर
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशज
- वर्णसंकर।
- रूपांतर के आधार पर।
- विकारी शब्द
- अविकारी शब्द
अर्थ की दृष्टि से शब्द के दो भेद हैं
- सार्थक
- निरर्थक
सार्थक शब्द किसे कहते है ?
सार्थक शब्द–सार्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है।
और
जिन शब्दों का कुछ अर्थ निकले, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे-राम, सीता, आगरा रोटी, उलटा, खाना, पानी, हल्ला, चाय आदि।
निरर्थक शब्द किसे कहते है ?
निरर्थक शब्द निरर्थक वे शब्द हैं, जिनका कोशगत कोई अर्थ नहीं होता।
और
जिन शब्दों का कोई अर्थ न निकले, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं।
जैसे – पी-पी, को-कों वोटी, पुलटा, वाना, वानी, गुल्ला, वाय आदि।
व्याकरण में सिर्फ सार्थक शब्दों की चर्चा होती है, निरर्थक शब्दों की नहीं। हाँ, निरर्थक शब्दों की चर्चा तब होती है, जब वे सार्थक बना लिए जाते हैं।
जैसे – उलटा-पुलटा, रोटी-वोटी, खाना-वाना, पानी-वानी, हल्ला-गुल्ला, चायवाय आदि।
अब इनका प्रयोग वाक्यों में करें।
उलटा—वह उलटा चल रहा है।
पुलटा—यह निरर्थक शब्द है, अतः इसका प्रयोग अकेला नहीं होगा।
उलटा-पुलटा—तुम क्यों उलटा-पुलटा बोल रहे हो?
व्युत्पत्ति/बनावट/रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं
- रूढ़ शब्द
- यौगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
रूढ़ शब्द किसे कहते है ?
जिन शब्दों के खंड किए जाने पर कोई अर्थ न निकले, उन्हें रूढ़ कहते हैं।
जैसे – राज, लोटा, रोग, सागर, आकाश, विद्या आदि।
खंड करने पर
रूढ़ शब्द → निरर्थक खंड
राज —> रा + ज
रोग —> रो + ग
विद्या —> वि + द्या
सागर —> सा + गर
स्पष्ट है कि रूढ़ शब्द का खंड करने पर उसका कोई अर्थ नहीं निकलता।
यौगिक शब्द किसे कहते है ?
शब्दों के मेल से बने शब्द, जिनका प्रत्येक खंड सार्थक हो, यौगिक कहलाते हैं।
जैसे – विद्यालय, विद्यासागर, पाठशाला, हिमालय, राजरोग आदि।
खंड करने पर
यौगिक शब्द —> सार्थक खंड
राजरोग = राज + रोग (राज = राजा-संबंधी; रोग = बीमारी)
विद्यालय = विद्या + आलय (विद्या = बुद्धि, ज्ञान; आलय = घर)
स्पष्ट है कि यौगिक शब्द जिन शब्दों के मेल से बनते हैं, अगर उनका खंड किया जाए, तो कुछ-न-कुछ अर्थ अवश्य निकलता है।
योगरूढ़ शब्द किसे कहते है ?
योगरूढ़ ऐसे यौगिक शब्द होते हैं, जो अपने सामान्य या साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ ग्रहण करते हैं।
जैसे – लम्बोदर (गणेशजी), पंकज (कमल), गिरिधारी (श्रीकृष्ण), वीणापाणि (सरस्वती), हलधर (बलराम) आदि।
योगरूढ़ शब्द | साधारण अर्थ | विशेष अर्थ |
---|---|---|
पंकज (पंक + ज) | कीचड़ में जन्मा | कमल |
लम्बोदर (लम्बा + उदर) | लम्बा पेटवाला | गणेश |
ध्यान दें — कीचड़ में सीप, घोघा, शैवाल आदि जन्म लेते हैं, लेकिन उन्हें पंकज’ नहीं कहा जाता। यह यौगिक शब्द (पंकज) सिर्फ कमल के लिए रूढ़ (फिक्सड) हो गया है। उसी प्रकार लम्बा पेटवाला कुछ भी हो सकता है। ऊँट, हाथी या कोई मनुष्य, लेकिन यह शब्द (लम्बोदर) भी सिर्फ गणेशजी’ के लिए रूढ़ हो गया है। इसलिए ऐसे यौगिक शब्दों को योगरूढ़ कहा जाता है।
उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के मुख्यतः पाँच भेद हैं
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशज
- वर्णसंकर।
तत्सम शब्द किसे कहते है ?
संस्कृत के वे मूल शब्द, जो ज्यों-के-त्यों हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, तत्सम कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में, हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के मूल शब्द को ‘तत्सम’ कहते हैं।
जैसे – अंक, अंकुर, आज्ञा, आहार, इन्द्रधनुष, ईर्ष्या, ईश, उच्चारण, उदय, ऊर्जा, ऋतु, ऋषि, औषधि, कमल, कलंक, कल्पना, क्षमा, ख्याति, गंगा, गीत, चतुर, जय, टिप्पणी, तट, तपस्या, दर्शन, धर्म, धूप, नगर, पथ, पाठ, पुस्तक, फल, बलिष्ठ, भय, यम, रंक, लय, लेप, वंश, शाप, संगीत, हंस आदि।
तद्भव शब्द किसे कहते है ?
हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के बिगड़े रूप को तद्भव कहते हैं।
जैसे—
तत्सम | तद्भव |
---|---|
अंक | आँक |
अंगोंच | अंगोछा |
अघोर | औघड़ |
अष्ट | आठ |
ऊर्ण | ऊन |
कर्कटी | ककड़ी |
कज्जल | काजल |
घण्टिका | घंटी |
देशज शब्द किसे कहते है ?
अपने ही देश की बोल-चाल से आए (उत्पन्न) शब्द, देशज कहलाते हैं।
जैसे – अगोरा, अँहड़ा, अकड़ा, अटकन-बटकन, अललटप्पू, आल्हा, इदर,
विदेशज शब्द किसे कहते है ?
वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से हिन्दी भाषा में आए हैं, विदेशी कहलाते हैं।
जैसे – रेडियो, मशीन आदि।
अंग्रेजी भाषा के शब्द | रेल, रेडियो, मशीन, साइकिल, स्टेशन आदि। |
अरबी भाषा के शब्द | अमीर, गरीब, अल्लाह, मुल्ला आदि। |
तुर्की भाषा के शब्द | कुली, कैंची, चेचक, चिक आदि। |
फारसी भाषा के शब्द | बीमार, आदमी, गुलाब, खूबसूरत आदि। |
फ्रांसीसी भाषा के शब्द | पुलिस, इंजीनियर आदि। |
यूनानी भाषा के शब्द | टेलीग्राम, टेलीफोन आदि। |
चीनी भाषा के शब्द | चाय, लीची आदि। |
जापानी भाषा के शब्द | रिक्शा, आदि |
वर्ण-संकर शब्द किसे कहते है ?
दो भाषाओं से बने शब्द वर्ण-संकर कहलाते हैं।
जैसे –
अरबी + फारसी – अलमस्त, आदमकद, कलईदार, किलेदार, खबरगीर आदि
हिन्दी + अरबी – अमलपट्टा, इमामबाड़ा, कबाबचीनी, कसरती, कानूनिया, गुलामी, गुस्सैल, जमावड़ा आदि।
हिन्दी + फारसी – अंदाजपट्टी, आवारापन, कमरकोट, कमीनापन, कलाबाजी आदि।
विकार की दृष्टि से शब्द के दो भेद
- विकारी शब्द
- अविकारी शब्द
विकारी शब्द (Declinable) किसे कहते है ?
वे शब्द, जिनका रूप बदलता है, विकारी शब्द कहलाते हैं।
जैसे – लड़का, लड़की, लड़कियाँ आदि।
अविकारी शब्द (Indeclinable) किसे कहते है ?
वे शब्द, जिनके रूप में विकार या परिवर्तन नहीं आता, अविकारी शब्द कहलाते हैं।
जैसे – और, किन्तु, परन्तु आदि।
विकारी | अविकारी |
---|---|
संज्ञा | क्रियाविशेषण |
सर्वनाम | संबंधबोधक |
विशेषण | योजक/समुच्चयबोधक |
क्रिया | विस्मयादिबोधक |
प्रयोग के अनुसार शब्द-भेद
- संज्ञा (Noun)
- सर्वनाम (Pronoun)
- विशेषण (Adjective)
- क्रिया (Verb)
- क्रियाविशेषण (Adverb)
- सम्बन्धबोधक (Preposition)
- योजक, समुच्चयबोधक (Conjunction)
- विस्मयादिबोधक (Interjection)
तो दोस्तों आपको यह शब्द (Shabd) (शब्द-विचार) पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।
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