2 Best Train Journey Essay in Hindi | मेरी रेलयात्रा पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Train Journey Essay in Hindi | मेरी रेलयात्रा पर निबंध पर 2 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं

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रेल का सफ़र – Train Journey Essay in Hindi

रेल यातायात का एक साधन है। हम रेल में बैठकर दूर-दूर तक जा सकते हैं। रेलगाडी बहुत बड़ी होती है। इसमें दस-पंद्रह डिब्बे होते हैं। रेल से सैकड़ों लोग सफ़र करते हैं। रेल का इंजन रेलगाडी को खींचकर ले जाता है। यह पटरियों पर चलती है। रेल स्टेशन से जाती है। रेलगाड़ी को ड्राइवर चलाता अंत में गार्ड का डिब्बा होता है। हर रेलगाड़ी में एक गार्ड होता है, जो उसे रुकने और चलने का संकेत देता है।

हम रेल में सफ़र कैसे करते हैं? हम घर से कार या टैक्सी से स्टेशन तक जाते हैं। टिकट खिड़की से टिकट लेते हैं। फिर प्लेटफॉर्म पर पहुँचते हैं। रेलगाड़ी प्लेटफॉर्म पर आती है। कई यात्री उतरते है कई यात्री चढ़ते हैं। फिर हम अंदर जाकर सीट पर बैठते हैं। गार्ड हरी झंडी दिखाता है और रेल धीरे-धीरे चलना प्रारंभ होती है, लेकिन जल्दी ही तेज़ी से चलने लगती है।

हर डिब्बे में कई सीटें होती हैं। लोग सीटों पर बैठते हैं। दूर जाने वाले स्लीपर पर सो सकते हैं। हर डिब्बे में पंखे और बत्तियाँ होती हैं। कुछ गाड़ियों में बिस्तर भी मिलता है। हर डिब्बे में वॉश बेसिन और बाथरूम भी होते हैं। दूर जाने वाले लोग रेलगाड़ी में ही नाश्ता करते है, खाना खाते है, चाय, कॉफ़ी आदि पीते हैं। स्टेशनों पर दुकानें भी होती हैं। लोग यहाँ से फल, अखबार आदि ज़रूरत की चीजें ले सकते हैं।

एक डिब्बे में कई लोग होते हैं। दूर जाने वाले एक-दो दिन रेलगाड़ी में ही सफ़र करते है। सफ़र में कुछ लोग किताबें पढ़ते हैं। कुछ लोग शतरंज, ताश आदि खेलते हैं। कुछ लोग बातें करते हैं या गाना गाते हैं। बच्चों को रेलगाड़ी में बड़ा मज़ा आता है। वे हमेशा खिड़की के पास बैठते हैं और बाहर देखते हैं। बाहर अच्छे-अच्छे दृश्य दिखाई देते हैं। पेड़, पौधे, नदी, पुल, पहाड़, पहाड़ में सुरंग, बिजली के तार, शहर सब दिखाई देते हैं।

हम कहीं गाँव का मेला देख सकते हैं। कहीं खेत में काम करने वालों को देख सकते हैं। कहीं रेल की पटरी के साथ-साथ सडक चलती दिखाई देती है। सड़क पर साइकिल, स्कूटर, कार, ट्रक आदि आते-जाते दिखाई देते हैं। मुझे रेल का सफ़र बहत अच्छा लगता है। ऐसा लगता है की पूरा शहर पटरी पर जा रहा है। रेल के सफ़र में जैसे पूरा देश हमारे सामने आ जाता है।


मेरी रेलयात्रा (ऐतिहासिक स्थान की यात्रा) | Train Journey Essay in Hindi

जब कभी मुझे रेल-यात्रा का अवसर मिलता है, बडा आनन्द आता है। यदि ऐतिहासिक स्थानों की रेलयात्रा हा तो वह सोने पर सुहागा होता है। आधुनिक शिक्षा-प्रणाली के अनुसार ऐतिहासिक स्थानों की जानकारी प्राय: रेलयात्रा द्वारा प्राप्त होती है। विद्यालयों के ऊँची कक्षाओं के छात्र इस शिक्षा प्रणाली से लाभान्वित होते हैं। गत वर्ष मुझे भी अपने विद्यालय के छात्रों के साथ आगरा के ऐतिहासिक स्थान रेल-द्वारा देखने का अवसर प्राप्त हुआ।

निश्चित किए गए समय के अनुसार सब छात्र प्रातः छः बजे विद्यालय पहुंचे। स्कूल बस में बैठकर हम सब छात्र और आदरणीय अध्यापक 6 बजे नई दिल्ली स्टेशन पर पहुँचे। ‘ताज एक्सप्रेस’ पहले से ही प्लेटफार्म नं० 4 पर हमारी प्रतीक्षा कर रही थी। हमारे लिए रेलगाड़ी का एक डिब्बा पहले ही आरक्षित कराया गया था। प्लेटफार्म पर अपार भीड़ थी। कुली सामान उठाए आ-जा रहे थे।

ठीक सात बजे गार्ड ने सीटी बजाई और गाड़ी ‘छुक-छुक’ करती चल पड़ी। यह तीन घण्टे की रोमांचक यात्रा मैं कभी नहीं भूल सकता। सब छात्र अपनी-अपनी सीटों पर बैठे गीत गा रहे थे। अध्यापक महोदय ने हमें आगरा और ताजमहल के बारे में जानकारी दी। गाड़ी तीव्र गति से फरीदाबाद, होडल, पलवल, छोड़ती हुई मथुरा पहुंची।

गाड़ी में ही चाय-पानी का प्रबन्ध था। अतः सुबह का नाश्ता हमने गाड़ी में ही किया। गाड़ी के चलते ही ठण्डी हवा के झोंके आने लगे। आकाश में पक्षी उड़ रहे थे। निरभ्र आकाश प्रात:काल अत्यन्त सुन्दर लग रहा था। मार्ग में नदी – के पुल पर से हमने धोबियों को कपड़े धोते देखा। मथुरा का पेड़ा हमने मथुरा से अवश्य खरीदा।

ठीक 10 बजे हमारी गाड़ी आगरा पहुँची। हम वहाँ बसों में बैठकर ऐतिहासिक स्थान देखने गए। मुगल बादशाह शाहजहाँ का यह नगर हमें बहुत पसन्द आया। ताजमहल की सुन्दरता वर्णनातीत हैं। सफेद संगमरमर में इस मकबरे को देखकर हम आश्चर्य चकित रह गए। फतेहपुर सीकरी और दूसरे ऐतिहासिक स्थान देखकर हम शाम छ: बजे स्टेशन पर लौट आए। सात बजे रेलगाड़ी में बैठकर हम सब नई दिल्ली स्टेशन पर रात दस बजे पहुंचे। रात की यात्रा का कुछ और ही आनन्द आया।

यह मेरे जीवन की एक अविस्मरणीय यात्रा है। विद्यार्थी काल में अपने साथियों के साथ हँसने, घुमने, खाने-पीने आदि में जो आनन्द आया वह मैं कभी नहीं भूल सकता।


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