1 Best Essay on Girls Education and Security in Hindi | बेटियों की सुरक्षा एवं शिक्षा

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बेटियों की सुरक्षा एवं शिक्षा – Essay on Girls Education and Security in Hindi

सामाजिक सोच

भारतवर्ष का अतीत विश्व के सभी देशों से अधिक गौरवशाली रहा है। यहाँ का शैक्षिक व सामाजिक वैभव सभी को आकर्षित करता रहा है। इस देश के गौरव का कारण यहाँ की विदुषी महिलाओं; जैसे- गार्गी, मैत्रेयी, लोपामुद्रा, अपाला एवं विश्वारा आदि थीं। उनके दार्शनिक विचार, तर्कशक्ति की चर्चा आज भी होती है। हमारे धर्मशास्त्रों में लिखा गया है कि

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।

अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है एवं दैवीय शक्ति मानकर उनका सम्मान किया जाता है वहाँ देवता रमण करते हैं अर्थात अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। चिंता की बात यह है कि जब हमारी प्राचीन

असुरक्षा एवं अशिक्षा के कारण

व्यवस्था इतनी आदर्श थी तो फिर किन कारणों से इसका प्रभाव नहीं दिखाई देता। इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला यह कि कालांतर में कुछ लोगों ने अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए धर्म की गलत व्याख्या लोगों को भ्रमित किया एवं रूढिवाद में फंसा दिया जिसके कारण हर कोई यह भल गया कि धर्म का उददेश्य कर्मकाड नहीं बल्कि सबकी भलाई है। दूसरा कारण यह है कि राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए राजनेताओं ने नारियों की सुरक्षा व शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। कभी-कभी तो उपेक्षा भी की।

सरकारी एवं निजी प्रयास

बेटियों की असुरक्षा और अशिक्षा के लिए हमारे समाज भी कम जिम्मेदार नहीं है। भ्रूण-हत्या, अशिक्षा, दहेज प्रथा, बाल-विवाह ऐसी समस्याएँ हैं जिसका समाधान केवल कानून से नहीं हो सकता। आज की स्थिति तो इतनी भयावह है धनवान लोग भी दहेज लेते हैं। ऐसे लोग सामाजिक व्यवस्था के ताने-बाने को कमजोर करते हैं। बेटियों के प्रति असुरक्षा की बढ़ती भावना के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा से ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का शुरुआत की जो कि एक सार्थक प्रयास है। समाज में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अशिक्षा की समस्या बनी है।

निष्कर्ष

सरकारी प्रयासों के साथ हमें अपने घर, पास-पड़ोस एवं सगे-संबंधियों को भी इससे अवगत कराना चाहिए। बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने से आगामी पीढ़ी सशक्त होगी।


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