1 Best Essay on Mobile Phone in Hindi | मोबाइल से लाभ और हानि पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Mobile phone ke labh aur hani essay in Hindi पर 1 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं

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Mobile phone ke labh aur hani essay in Hindi

प्रस्तावना

प्रारम्भ में Mobile Phone का चलन शुरू था। उससे पहले उसके विषय में बातें की जाती थी तो आश्चर्य होता था कि कैसे बिना तार के गाड़ी चल रही होगी और बिना तार के Mobile Phone से दूर बातें की जा सकती है। मोबाइल आया तो प्रारम्भ में सभी को सुलभता से प्राप्त नहीं था, जिनके पास मोबाइल थे। वे प्रतिक्षण हाथ में लेकर मोबाइल का प्रदर्शन कर अपने बडप्पन का दिखावा करते थे। आज सभी को सुलभता से प्राप्त है।

अनेक रूपों में बाजार में उपलब्ध है। दुकानों की भीड़ लगी है। मजदूर से लेकर धनी तक, बालक से लेकर बृद्धों के हाथों में मोबाइल पहुंच गया है। नव-युवकों के हाथ में जाकर तो उनके इतराने, इठलाने में इतना परिवर्तन आ गया है कि उनके मित्रों से ही फुर्सत नहीं मिलती है आज अपनी सफलता के कारण जितना प्रचलन बढ़ता जा रहा है वह इतना ही अब त्रासदी का कारण बनता जा रहा है। लोगों की दूरियाँ कम कर उनके चैन को भी छीन लिया है। इतना ही नहीं अनेक क्षेत्रों में दुर्घनाओं को लेकर भी मोबाइल ने प्रवेश किया है।

फैशन के रूप में Mobile Phone परिवारों के लिए त्रासदी

मोबाइल ने रिश्तों में प्रगाढ़ता ला दी है और चैन भी छीन लिया है घर में सुयोग्य कन्या है। कक्षा में सदैव प्रथम आती है। जब से मोबाइल लिया, चैन छिन गया। मित्रों के फोन थोड़ी-थोड़ी देर में आने लगे। अध्ययन में व्यवधान हुआ। अब परीक्षा का डर लगने लगा। मोबाइल पर घण्टी बजी और बन्द हई। कन्या (छात्रा) मित्र से बातें करने के लिए मचला ; बहाना ढूंढा। कुत्ते को घुमाने गई, मित्र से बाते हुई। माँ को सन्देह हुआ, माँ ने फोन किया। फोन अभी व्यस्त है-मान सुना और माँ पीछे आई। फोन छीना। अन्ततः भय-वश छात्रा ने परीक्षा देने से मना कर दिया। इस तरह मोबाइल उस जीवन में काला अध्याय बन कर आया।

इस तरह परिवार और छात्र-जीवन के लिए मोबाइल त्रासदी बन गए है। इतना ही नहीं ऐसे धनी लोग-जिन्हें खर्च की कोई चिन्ता नहीं है, उनके परिवारों में मोबाइल पर वार्ता को अपना शाक पाक समझकर बहुत समय भी बरबाद कर देते है। खाना खाते, नहाते सोते, यहाँ तक अपने आराध्य की पूजा करते-कब फोन बज उठे ? इस प्रकार सर्वथा मोबाइल ने चैन छीन लिया है। मोबाइल उस समय सबसे अधिक त्रासदी बन जाता है परिवार को सूचना आती है कि आपका एक मात्र प्रिय मोबाइल पर बाते करने से दर्घटना ग्रस्त होकर अस्पताल में है। अन्तिम सांसें गिन रहा है।

मोबाइल-सम्पत्ति और विपात्ति दोनों रूप में

विज्ञानं का यह चमत्कारी आविष्कार और Mobile Phone इतना प्रभावकारी सिद्ध है कि इसके समुचित प्रयोग ने दूरियाँ कम की, समय और धन की बचत की। सूचनाओं के आदान-प्रदान में तत्परता दिखाई। आशंकाए कम हुई कि कहीं गया हुआ बालक-पुरुष, महिला सुरक्षित स्थान पर समय पर पहुँच गया या नहीं। पल-पल की जानकारी मिलने और देने में समर्थ इस मोबाइल ने कितनी खुशिया, सब अप्रत्याशित थी। इस तरह मोबाइल मानव जीवन के लिए प्रमुख सम्पत्ति बन गई। किन्तु जैसे-जैसे इसका प्रचलन बढ़ता गया, वैसे-वैसे दुरूपयोग भी बढ़ता गया और दुरूपयोग विपत्ति बनकर अपने जलवे दिखाने लगा। ताण्डव-नृत्य करने लगा।

आए दिन चलते-फिरते Mobile Phone पर एकाग्र होने से घटनाएं घटने लगी। ऐसी भी घटनाएँ घटने लगी जिसकी क्षति-पूर्ति किसी स्थिति में न हो सके। उस समय और चिन्ता का कारण बनने लगा जब मोबाइल पर धमकी-भरी सूचनाएँ आने लगी। अपराधी-तत्व इसके द्वारा मुसीबतें खडी करने लगे। दसरे देश में बैठे अपराधी पल-पल खबर लेकर-देकर अपराध का संचालन करने लगे। इस प्रकार विज्ञान का चमत्कार अनेक सुविधाओं के साथ मुसीबत लेकर भी आया और उसका एक पक्ष विपत्तियों का कारण बन गया। यही कारण है कि उसके सदुपयोग के लिए सूचनाएँ दी जाती है और सावधान भी किया गया जाता है।

विद्यालय परिसर में मोबाइल

आज जब वयोवृद्धों को मोबाइल रखने की उत्कण्ठा तीव्र होती जा रही है तो छात्रों या बच्चों से कैसे अपेक्षा की जा सकती कि उसके लिए मोबाइल उपयोगी नहीं है। दिखावा करने की छात्रों में अधिक बलवती इच्छा होती है। इस बलवती इच्छा को देखते हुए छात्रों को विद्यालय में लाने की छूट देदी जाए, तो आज जब प्रायः छात्रों के पास मोबाइल होते हैं तब विद्यालय का क्या अदभुत दृश्य होगा, उसकी सहज कल्पना की जा सकती है?

क्षण-प्रति-क्षण Mobile Phone की एक साथ घण्टी घनघनाएगी और विद्यालय शिक्षा का स्थान न होकर नित्य के लिए मनोरंजन का ऐसा स्थान बन जाएगा, जिसकी झलक वर्ष बाद नव-वर्ष पर उच्छृखलता क्लवों आदि की झलक दूरदर्शन पर दिखाई जाती है। फिर इस प्रक्रिया से शिक्षक भी अछूते नहीं रह सकते। विद्यालयों का नया रूप होगा और विद्यालयों का नामकरण भी बदलना पड़ेगा क्यों कि विद्यालय शिक्षण-संस्थान नहीं रहेंगे। ऐसी परिकल्पना करते हुए मोबाइल को विद्यालय में लाने की छूट नहीं होनी चाहिए। छात्रों को ही नहीं, अपितु शिक्षकों को भी कक्षा में मोबाइल लाने पर प्रतिबन्ध होना चाहिए।

मोबाइल का स्वास्थ्य पर पड़ता प्रभाव

वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए ऐसा हानिकारक है कि मोबाइल के कारण स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव का उपचार भी सरल नहीं है। मोबाइल से निकलने वाली तरंगें शरीर पर ऐसा धीरे-धीरे प्रभाव डालती है कि मनुष्य बहरे-पन का शिकार हो जाता है। हृदय के पास वक्ष पर जेब में रखने से हृदय प्रभावित होता है। मनुष्य जब किसी का आदी हो जाता है तो हानि पहुँचने का ज्ञान होने पर भी उसके बिना नहीं रह पाता है।

मोबाइल की भी आदत एसी हो जाती है कि जैसे स्मैक शराब के प्रयोग के दुष्परिणाम जानते हुए उसे छोड़ नहीं पाता है, जिसका उपयोग मात्र हानि पहुचाना है, तो मोबाइल का अधिकांश पक्ष लाभकारी है तो उससे अलग रह पाना मुश्किल होता जा रहा है। दूसरी हानि यह भी है कि अब अच्छे-बुरे सूचनाओं और विज्ञापन का भी मोबाइल स्थान लेता जा रहा है जिसका छात्र के विचारों पर और मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

उपसंहार

अधिकांश आविष्कार हानि और लाभ दोनों लेकर आते हैं। विज्ञान के किसी भी आविष्कार का सही उपयोग किया जाता तो सदैव लाभकारी होता है और दुरुपयोग सदैव हानिकारक। अतः मनुष्य को चाहिए कि मोबाइल की उपयोगिता का सही उपयोग करें तो Mobile Phone मानव के लिए विज्ञान की अदभुत देन है और हर व्यक्ति की आवश्यकता। मोबाइल शौक की वस्तु नहीं अपितु सदुपयोग की वस्तु है।


तो दोस्तों आपको यह Mobile phone ke labh aur hani essay in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

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3 thoughts on “1 Best Essay on Mobile Phone in Hindi | मोबाइल से लाभ और हानि पर निबंध”

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