1 Best Essay on Jal Hi Jivan Hai | जल ही जीवन है पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Jal Hi Jivan Hai | जल ही जीवन है पर 1 निबंध लिखा है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं

क्या आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते है या अच्छा निबंध पढ़ना चाहते है तो – Essay Writing in Hindi


Essay on Jal Hi Jivan Hai | जल ही जीवन है पर निबंध

जल संरक्षण में बच्चों का योगदान

  • “जल ही जीवन है”, पानी तो अनमोल है, उसको बचा के रखिये, बर्बाद मत कीजिये इससे जीने का सलीका सीखिए।
  • पानी को तरसते हैं, धरती पर काफी लोग। यहां पानी ही तो दौलत है।
  • पानी सा धन भला, कहां पानी की है मात्रा सीमित पीने का पानी हो सीमित तो पानी को बचाइए।
  • इसी में है समृद्धि निहित शेविंग या कार की धुलाई या जब करते हो स्नान पानी की जरूर बचत करें, पानी में है धरती महान।
  • जल ही तो जीवन है पानी है गनों की खान पानी ही तो सब कुछ है पानी है धरती की शान।
  • पर्यावरण को बचाया गया, तो वो दिन जल्दी ही आएगा जब धरती पर हर इंसान, बस. ‘पानी पानी’ चिल्लाएगा।
  • रूपये पैसे, धन दौलत कुछ भी काम न आएगा, यदि इंसान इसी तरह धरती को नोंच के खाएगा।
  • आने वाली पुश्तों का कुछ तो हम करें ख्याल _ पानी के बगैर भविष्य भला कैसे होगा खशहाल
  • आने वाली पुश्तों का कुछ तो हम करें ख्याल _ पानी के बगैर भविष्य भला कैसे होगा खुशहाल
  • बच्चे, बूढ़े और जवान पानी बचाएं बने महान अब तो जाग जाओ इंसान पानी में बसते हैं प्राण।

“जल ही जीवन है” बच्चों आप जानते हैं जल ही जीवन क्यों लिखा गया है? क्योंकि आप पानी के बिना जिन्दा ही नहीं रह सकते हैं। अगर आपको प्यास लगी है तो आपको तुरन्त पानी चाहिए क्या आप पानी पीये बिना रह सकते है? आपका जबाब होगा नहीं क्यों की पानी ही जीवन है।

वैसे तो हमारे जीवन में पानी, हवा, भोजन, फल, साफ सुथरे धुले हुए कपड़े, साफ घर हर वस्तु की जरूरत है यह सब चीजें हमें पानी से ही प्राप्त हो सकती है। बिना पानी के कुछ भी नहीं है। तो आप का क्या योगदान मिल सकता है पानी बचाने में। आप पानी को न खुद खराब करें न दूसरों को खराब करने दें, पानी का नल खुला देखें तो उस बहते पानी को बन्द कर दें, यदि घर या बाहर आप कोई बहता नल देखें उसे ठीक करवा दें क्यों कि वह बहता पानी घर में हो या बाहर उसे सुरक्षित करना हमारा मकसद है।

घर में या बाहर आप किसी को पानी का गलत इस्तेमाल करते देखें तो उसे पानी के बारे में सही मायने समझाने में बच्चों आप को आवाज उठानी होगी समय रहते पानी को खराब करने से न रोका गया तो आपको और आपके बाद आने बाली पीढ़ी को शायद यह साफ पानी पीने के लिए भी न मिलें क्योंकि पानी की एक-एक बूंद कीमती हैं हमारी है।

जल संरक्षण में महिलाओं का योगदान

जल संरक्षण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान मिल सकता है। महिलाएं घर के काम काज में सही मात्रा में सही जगह पानी इस्तेमाल करें। जैसे बरतन साफ करते समय बरतन चलते नल के नीचे धोने के लिये न रखे इससे पानी ज्यादा इस्तेमाल होता है। दो बाल्टियों में पानी लेकर बरतनों को धोयें इससे बरतन साफ भी होगें और पानी की लागत भी कम आएगी जहां बहता पानी चार या पांच बाल्टी लगता वहां दो बाल्टियों में काम हो जाएगा।

कपड़े धाते समय भी आप पानी का सही इस्तेमाल कर सकती है। जैसे जब आप कपड़े निथारें तो वह बचा हुआ पानी फेंकने की बजाय पेड़ पौधों में डाल दें इससे पानी का सही इस्तेमाल हो जायेगा और पौधों को भी पानी मिल जाएगा। औरतें घर का काम काज करते समय पानी का नल खुला न छोड़े जब जहां जरूरत हो पानी बड़े बर्तन में भर कर उसका सही इस्तेमाल करें इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को सही मात्रा में शुद्ध पानी मिल सकता है और अगर हम पानी का सही इस्तेमाल न कर के उसको नालियों में बहा देगें तो आने वाली नई पीढ़ी को पानी नहीं मिल पायेगा पानी की एक-एक बूंद कीमती है।

“जल ही जीवन है” जल को कैसे बचाया जायें यह सवाल आपके, हमारे मन में आता है पर क्या हम इस पर अमल करते हैं या नहीं, यह तो हम ही जानते हैं, और हम यह भी अच्छी तरह से जानते है कि पानी का हमारे जीवन में क्या महत्व है। या यह कहें कि पानी के बिना जीवन ही नहीं है हम पानी को कैसे बचाये? यह प्रश्न चिह्न हमारे सामने लगा हुआ है आओ हम सब मिलकर कुछ जरूरी बातों पर ध्यान दें जिससे हम उपयोगी जीवन देने वाले इस पवित्र जल की रक्षा करें और कैसे हमारे जीवन पर हमारे भोजन, स्वास्थ्य पर इसका असर पढ़ता है।

भौगोलिक बनावट के लिहाज से मगध क्षेत्र की स्थिति काफी विविधतापूर्ण है। इसका दक्षिणी भाग पठारी है, जिसकी तीखी ढाल उत्तर, कहीं-कहीं पूर्वाभिमुख उत्तर की ओर है। उत्तरी भाग मैदानी है। इसकी ढाल भी इसी दिशा की ओर है, लेकिन ढाल कम (लगभग 1.25 मीटर प्रति किलोमीटर) है। पठारी इलाकों में लम्बी घाटियां हैं जो मैदान का आकार लिए हुए हैं। सोन एवं पुनपुन के द्वारा बनाया गया मैदान है। इसमें कहीं कम, तो कहीं अधिक गहराई में बालू है जो मुख्य जल स्रोत हैं। कहीं-कहीं यह जल प्रवाह ऊपर में भी है। यह स्थिति मुख्यतः औरंगाबाद, अरवल और पटना जिले में है।

इस पूरे क्षेत्र में वर्षा जल का वार्षिक औसत 100 सेंटीमीटर है लेकिन तीखी ढाल के कारण पठारी क्षेत्र में जल का संग्रह कठिन हो जाता है। मगध के पठारी क्षेत्र के लोक जीवन पर इस भौगोलिक बनावट का गहरा असर है। फलतः मक्का, अरहर आदि भदई फसलें यहां की प्रमुख फसले हैं।

जहां पानी रोकना संभव है, वहां धान की खेती भी कहीं-कहीं होती है। उत्पादन की कमी के कारण यहां आबादी विरल है। दूसरी और इस क्षेत्र के वर्षा जल का उपयोग बीच में मैदानी भागों में पाइन-आहार नहीं होने के कारण मग्ध क्षेत्र का उत्तरी भाग बरसात और उसके बाद के दो-एक महीनों तक डुब क्षेत्र में तबदील हो जाता है और रबी की फसल ही मुख्य रूप से हो पाती है। इस प्रकार क्षेत्र का मध्यवर्ती भाग ही धान और रबी दोनों फसलों का भरपूर लाभ ले पाता है। तीन साल बाद प्राय सुखाड़ की आवृति होने लगी है।

पेड़-पौधों द्वारा जल संरक्षण

मैदानी क्षेत्रों में पेड़ पौधों का जल संरक्षण हम चाहें तो हर गली में दो या चार ऐसे पेड़ लगा सकते हैं। जो धरती की नमी और बरसात द्वारा बरसे पानी को अपनी जड़ में इक्टठा कर के रखते हैं जिससे वातावरण भी साफ रहता है और धरती की नमी भी बनी रहती है।

आओ बच्चों हम लोग मिलकर यह प्रतिज्ञा करें सही और खाली स्थान पर हम एक पेड़ अवश्य लगायें तथा लोगों को भी धरती की नमी बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों को लगाने के प्रोत्साहित करें। पेड़ पौधों की जड़ें धरती में दूर-दूर तक फैल जाती है। और धरती में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखती है और पेड़-पौधें बहुत अधिक मात्रा में धरती में नमी बनाएं रखते हैं।

बहुत अधिक मात्रा में यह पानी को धरती के स्थल में नमी बनाने में काम आते हैं। अर्थात पानी को सुरक्षित रखने और धरती की नमी बनाये रखने में पेड़ पौधों का बहुत अधिक योगदान है।

हर घर के आंगन में नहीं तो हर एक कालोनी में एक ऐसा कुआं होना चाहिए जब तेज बरसात हो तो उसका पानी उसमें इक्कठा किया जा सके क्योकि बरसात का पानी हमारे लिए एक बददान है जो हमें कुदरत के द्वारा मिलता है।

बच्चों आज आप बिजली और पंखे के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते हैं। आपको पीने के लिए जो ठंडा पानी मिलता है उसको ठंडा करने के लिए आप फ्रिज का इस्तेमाल करते हैं। घर में ए.सी लगवाते हैं कूलर चलाते हैं इन सब चीजों में हमें पानी की आवश्यकता होती है क्योंकि बिजली बनाने के लिए भी पानी की जरूरत है। धरती की नमी की जरूरत है। आज पानी की जरूरत को सही मायने में समझने पर आप खुद इस पानी का बचाव कर सकते

बहता पानी नदी और नालियों में मिलता है। नालियों का पानी हम इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं पर नदियों का पानी हमारे खेतों में सिंचाई में बहुत उपयोगी है। धरती की नमी बनाये रखने के लिए बहुत उपयोगी है। नदियों के पानी को रोककर इकट्ठा करके विधुत प्रयोग किया जाता है। पानी किसी भी रूप में बहता या बरसता हो उसका हमारे जीवन एक अलग और बहुत ही एहम स्थान है। बीजली की बचत करना भी पानी को बचाना है।

पानी को बड़े कच्चे घड़े में भरकर रख दिया जाए तो वह ठंडा हो जाता है।

फ्रिज में जमाई गई बर्फ को पानी ठण्डा करने के जग में डालकर उसे काफी समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है और फ्रिज काफी देर तक बन्द रह सकता है। बार-बार खुलने से उसकी ठंडक खत्म होती है और बिजली की लागत ज्यादा लगती है।

बहता पानी खेतों में सिंचाई के काम आता है। उसको सही तरह से रोकने के लिए खेतों के चारों तरफ छोटे-छोटे स्टॉपबांध बांधने चाहिए जिससे पानी का सही इस्तेमाल हो सके और पानी को इधर उधर बहने से रोका जा सके।

पानी की जरूरत को जानते हुए हम पानी को बर्बाद होने से रोक सकते हैं। आओ हम मिलकर यह प्रण करें पानी को बर्बाद होने से बचाया जाये। वो . वर्षा का पानी हो या नल में आने वाला पानी को कोई भी स्रोत हो पानी बर्बाद होने से बचाना है। हम इस बारे में सोचे की हम अपने बच्चों को क्या दे कर जाएंगे क्या एक-एक बूंद पानी या एक अच्छा जीवन अच्छा जीवन जीने के लिए पानी मूल आधार है।

हाड – मांस के हमारे शरीर का दो तिहाई अंश में पानी होता है। हमारी मांसपेशियों में कुल वजन का 75 प्रतिशत, वसा का 14 प्रतिशत और अस्थियों का 22 प्रतिशत और कुछ नहीं पानी, ही होता है। पानी कुदरत द्वारा दिया गया एक हसीन तोहफा है जो हमें जीवन दान देता है और अपना जीवन किसको प्यारा नहीं होता। हम लोग मिलकर अपना, अपने बच्चों का अपने समाज के हर प्राणी का जीवन बचा सकते

पानी की एक बूंद से एक गिलास तक की अपनी अलग जरूरत है। आज जब पानी का हमारे जीवन क्या स्थान है हम जान चुके हैं तो हम मिलकर यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम पानी को व्यर्थ बहने नहीं देगें।


तो दोस्तों आपको यह Jal Hi Jivan Hai Nibandh | जल ही जीवन है पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

1 thought on “1 Best Essay on Jal Hi Jivan Hai | जल ही जीवन है पर निबंध”

Leave a Comment