हल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Pratyay (प्रत्यय) in Hindi डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Pratyay (प्रत्यय) in Hindi को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिए गए शब्दों और उन्हें बनाने वाले घटकों को ध्यान से देखिए:
पठ + नीय = पठनीय
दौड़ + ना = दौड़ना
सज + आवट = सजावट
होन + हार = होनहार
अफीम + ची = अफीमची
आपने देखा कि नीय, ना, आवट, हार, ची आदि शब्दों अथवा शब्दांशों ने पठ, दौड़, सच, होनहार और अफीम के साथ क्रमशः मिलकर पठनीय, दौड़ना, सजावट, होनहार और अफीमची शब्दों का निर्माण कर दिया।
Contents
प्रत्यय किसे कहते है – Pratyay Kise Kahte Hai | Pratyay Ki Paribhasha
क्या आप जानते हैं कि शब्दों के अन्त में लगकर नए शब्दों का निर्माण करने वाले ये शब्द अथवा शब्दांश व्याकरण में क्या कहलाते हैं?
वे शब्द अथवा शब्दांश जो शब्द के अंत में लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, अथवा शब्द के अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय के भेद – Pratyay Ke Bhed
प्रत्यय के दो भेद होते है।
- कृत प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
कृत प्रत्यय
जो प्रत्यय धातुओं के अंत में लगते है, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत प्रत्यय से युक्त शब्दों को कृदन्त कहते हैं। जैसे – लिखना क्रिया के साथ ‘वाला’ प्रत्यय लगा देने से नया शब्द बना-लिखने वाला।
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( हिंदी के कुछ कृत प्रत्यय और उनसे निर्मित होने वाले शब्द )
कर्तवाचक कृदन्त – जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात् कर्ता का बोध हो उसे ‘कर्तवाचक कृदन्त’ कहते हैं। जैसे – ‘पढ़ना’ क्रिया के साथ वाला’ प्रत्यय लगाने से बन गया-‘पढने वाला।
कुछ उदाहरण :
प्रत्यय | शब्द रूप |
---|---|
वाला | पढ़नेवाला, लिखने वाला, रखवाला। |
आका | लड़ाका, धमाका, पटाखा। |
आड़ी | अनाड़ी, अगाड़ी, खिलाड़ी, पिछाड़ी। |
आलू | झगड़ालू, दयालु, कृपालु। |
आक | तैराक, चालाक। |
ऐया | गवैया, नचैया, खिवैया। |
कर्म वाचक कृदन्त – जिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का बोध हो वह कर्म वाचक कृदन्त कहलाता है। जैसे – गा में ना प्रत्यय लगाने से बना- गाना। प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द रूप |
---|---|
ना | गाना, ओढ़ना |
नी | ओढ़नी, सूंघनी |
औना | बिछौना |
करण वाचक कृदन्त – जिस प्रत्यय से बने शब्द क्रिया के साधन अर्थात् करण का बोध हो, उसे करण वाचक कृदन्त कहते हैं। जैसे – झूल + आ = झूला प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द |
---|---|
आ | झूला, भूला |
ई | रेती, फाँसी |
ऊ | झाडू |
नी | धौंकनी, कतरनी |
भाववाचक कृदन्त – जिस प्रत्यय से बने शब्द से भाव अर्थात् क्रिया के व्यापार का बोध हो, उसे भाववाचक कृदन्त कहते हैं। जैसे – घबरा + आहट = घबराहट प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द रूप |
---|---|
आहट | घबराहट, चिल्लाहट |
आवट | सजावट, लिखावट |
आव | बचाव, खिंचाव |
आई | लड़ाई, चढ़ाई |
क्रियावाचक कृदन्त – जिस प्रत्यय से बने शब्द से क्रिया के होने का भाव प्रगट हो उसे क्रियावाचक कृदन्त कहते हैं। जैसे – लिखता हुआ, भागता हुआ।
तद्धित प्रत्यय
जो प्रत्यय संज्ञा सर्वनाम अथवा विशेषण के अन्त में लग कर उनसे नए ‘शब्द बनाते हैं, वे ‘तद्धित प्रत्यय’ कहलाते हैं। इनके योग से बने शब्दों को तद्धितांत अथवा तद्धित शब्द कहते हैं। जैसे – मानव + ता = मानवता, अपना + पन = अपनापन
(हिन्दी के कुछ तद्धित प्रत्यय और उनसे निर्मित शब्द )
कर्तृवाचक तद्धित – जिससे किसी कार्य के करने का बोध हो उसे, कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – सुनार, लुहार। ‘आर’ प्रत्यय प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द रूप |
---|---|
आर | सुनार, लुहार |
गर | कारीगर, जादूगर |
वाला | गाड़ीवाला, टोपीवाला |
हारा | लकड़कारा, पनिहारा |
इया | सुखिया, दुखिया |
भाववाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे भाव व्यक्त हो, उसे भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – ‘आ’ प्रत्यय लगाने से-सराफा, बुलावा।
शब्द रूप | |
---|---|
आ | सराफा, बुलावा |
आई | भलाई, बुराई |
आहट | चिकनाहट, कड़वाहट |
ई | गर्मी, सर्दी |
पा | बुढ़ापा, मुटापा |
सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे सम्बन्ध का बोध हो उसे, सम्बन्धबोधक तद्धित करते है। जैसे – ‘ एरा-प्रत्यय से चचेरा, ममेरा
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
एरा | चचेरा, ममेरा, फुफेरा |
जा | भानजा, भतीजा |
आल | ससुराल, ननिहाल |
लघुता वाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे लघुता का बोध हो, उसे लघुता वाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – इया प्रत्यय से लुटिया, खटिया।
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
इया | लुटिया, खटिया |
ई | कोठरी, ढोलकी |
टी | लंगोटी, कछौरी |
गुणवाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे किसी गुण का बोध हो, उसे गुणवाचक तद्धित कहते हैं। जैसे – ऐला प्रत्यय से – विषैला प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
ऐला | विषैला, कसैला |
ईला | रंगीला, सजीला |
ई | धनी, लोभी |
वान | गुणवान, धनवान |
स्थान वाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे स्थान का बोध हो, उसे स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – ‘ई’ प्रत्यय से पंजाबी
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
ई | पंजाबी, बंगाली, गुजराती |
वाला | डेरेवाला, दिल्लीवाला |
ईया | कलकतिया, जबलपुरिया |
गणनावाचक तद्धित प्रत्यय – जिससे संख्या का बोध हो, उसे गणनावाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – वाँ प्रत्यय लगाने से पाँचवाँ प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
वाँ | पाँचवा, दसवाँ |
था | चौथा |
रा | दूसरा, तीसरा |
हरा | इकहरा, दुहरा |
सादृश्य वाचक तद्धित – जिससे समता का बोध हो उसे सादृश्य वाचक तद्धित कहते हैं। जैसे – ‘हरा’ प्रत्यय से सुनहरा। प्रत्यय
प्रत्यय | शब्द-रूप |
---|---|
हरा | सुनहरा, इकहरा |
सा | पीला-सा, नीला-सा |
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