1 Best Essay on Pustak ka Mahatva | पुस्तकों का महत्त्व | Importance of books

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 पुस्तकों का महत्त्व – Pustak ka Mahatva |
Importance of books

पुस्तकों से लाभ

हमारे जीवन में पुस्तकों का विशेष महत्त्व है। पुस्तकों के महत्त्व को दर्शाते हुए कहा गया है कि संसार एक पुस्तक है। इसका आशय यह है कि पुस्तक मात्र कुछ पृष्ठों का संकलन नहीं अपितु विभिन्न विचारों, व्यवहारों एवं संकेतों को सीखने, समझने व अनुभव करने का माध्यम है। पुस्तकों के इसी महत्त्व को स्पष्ट करते हुए आचार्य श्रीराम शर्मा ने कहा कि पुस्तकें जीवंत देव-प्रतिमाएँ हैं।

अध्ययन का तरीका

इनके अध्ययन से तत्काल प्रकाश एवं उल्लास मिलता है। अंग्रेज़ी भाषा के प्रसिद्ध विद्वान विलियम गॉडविन ने लिखा कि जो पढ़ता है उसकी पहुँच में सब कुछ होता हैं। फ्रांसिस बेकन ने अपने निबंध में लिखा कि अध्ययन किसी भी व्यक्ति को पूर्ण बनाता है।

चिंतन शक्ति का विकास

पुस्तकों के अध्ययन से कई प्रकार के लाभ होते हैं। अलग-अलग विषयों की पुस्तकें हमारे मस्तिष्क को अलग-अलग तरह से सोचने-समझने एवं निर्णय लेने में सक्षम बनाती हैं। उदाहरण के लिए विज्ञान की पुस्तकें खोजवृत्ति एवं प्रयोगधर्मिता को बढ़ावा देती हैं तो गणित की पुस्तकें चिंतन एवं तर्कशक्ति में वृद्धि करती हैं।

इसी तरह हिंदी उर्दू, संस्कृत, अंग्रेजी साहित्य की पुस्तकें राष्ट्र एवं समाज के विभिन्न पक्षों के बारे में सोचने के लिए हमें प्रेरित करती हैं। पुस्तकों के अध्ययन का तरीका आदर्श होना चाहिए। आदर्श का आशय यह है कि पढ़ी जा रही विषयवस्तु के उद्देश्य को अवश्य समझना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि किसी पुस्तक को पूरी पढ़ने के बाद भी लेखक का उद्देश्य सिद्ध नहीं होता। जब हम किसी पुस्तक को पढ़ते हैं तो हमारा ज्ञान बढ़ता है और यह ज्ञान सफलता का आधार होता है।

चरित्र निर्माण

निरतर अध्ययन से चिंतन शक्ति का विकास होता है, बौद्धिक कुशाग्रता बढ़ता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि पुस्तकों में अलग-अलग विद्वानो के विचार होते हैं। अच्छी पुस्तकें चरित्र निर्माण में सहायक होती हैं। वे हम अच्छे सदेश एवं प्रेरणाएँ प्रदान करती हैं। नैतिक मूल्यों पर आधारित पौराणिक कहानियाँ बचपन से ही मानवीय मूल्यों का विकास करती हैं। इसके परिणामस्वरूप जो चरित्र निर्मित होता है वह विकास का आधार होता है।


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