4 Best Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Republic Day Essay in Hindi पर 4 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं

Republic Day Essay in Hindi 10 Lines (80 Words)

  1. भारत 1947 ईस्वी में स्वतंत्र हुआ। अंग्रेज ने उसी वर्ष भारत छोड़ा।
  2. अंग्रेज हमारे देश के शासक थे।
  3. हमारा देश 26 January 1950 को एक प्रजातांत्रिक गणराज्य बना।
  4. भारत में एक लिखित संविधान का निर्माण किया।
  5. इस तारीख से इसे अपनाया, प्रत्येक वर्ष हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
  6. हमारे राष्ट्रपति दिल्ली के लाल किले पर इस दिन राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं।
  7. इस अवसर पर प्रत्येक राज्य प्रतिनिधि रूप में रहता है।
  8. इस अवसर पर सैनिक परेड गाने, नृत्य वगैरा होते हैं।
  9. गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय छुट्टी का दिन है।
  10. राज्यों की राजधानीयों में राज्यपाल राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं।

अगर आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते तो यह पढ़े Essay in Hindi


Short Essay on Republic Day in Hindi (120 Words)

भारत को ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त सन 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। भारत 26 जनवरी सन 1950 को एक गणतंत्र राष्ट्र बना। यह भारतीय इतिहास का उत्सव का दिन था। यह दिन प्रतिवर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह राष्ट्रीय पर्व 5 मील मार्ग पर राजपथ से होकर लाल किला तक मनाया जाता है। हजारों लोग रास्ते के दोनों तरफ खड़े होकर इस समारोह को देखते हैं।

महामहिम राष्ट्रपति महोदय को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। थल सेना वायु सेना तथा नौसेना के जवान अपने अपने कर्तव्यों का कमाल दिखाते हैं। इसके बाद विभिन्न राज्यों की झांकियां दिखाई जाती है। तत्पश्चात भारतीय सेना के विभिन्न प्रकार के टैंक कथा अस्त्र-शस्त्र को दिखाया जाता है। लोक नृत्य अपने विभिन्न प्रकार के नृत्य को प्रदर्शित करते हैं। इस प्रकार 26 जनवरी का गणतंत्र समारोह संपन्न होता है।

10-lines-Republic-Day-Essay-in-Hindi

Republic Day Essay in Hindi (400 Words)

भूमिका

भारतवर्ष के इतिहास में 26 जनवरी, 1950 का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित है। यह दिन भारतीय इतिहास का सबसे गौरवोज्ज्वल पृष्ठ है। इसी दिन हमारा नया संविधान लागू हुआ और देश में गणतंत्रीय शासन-पद्धति की व्यवस्था की गयी। अतः, 26 जनवरी को गणतंत्र-दिवस की संज्ञा मिली।

history of Republic Day (इतिहास)

१९२९ ई० को लाहौर के रावी-तट पर कांग्रेस का एक अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में स्व० जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देशभक्तों ने सौगन्ध खायी थी कि जब तक हम अपने देश को विदेशी शासन के जुए से मुक्त नहीं करेंगे, तब तक हम चैन की साँस नहीं लेंगे। महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस, राजेन्द्रबाबू -जैसे अनोखे नेता तथा स्वाधीनता के हजारों दीवाने सर से कफन बाँधे, जान हथेली पर लिये अंग्रेजों से झुझते रहे और अन्त में वह मंगल-प्रभात 15 अगस्त, 1947 को आया जब अंग्रेजों ने अपना बोरिया-बिस्तर गोल किया और भागे सात समुद्र पार ।

26 जनवरी 1950 को हमारा नया संविधान लागू हुआ। भारत वर्ष एक धर्मनिरपेक्ष कल्याण-राज्य, उद्घोषित हुआ। अब प्रत्येक भारतवासी को समान अवसर मिल सकता है – यहाँ धर्म, जाति या लिंग के बुनियाद पर कोई भेदभाव/ डिस्क्रिमिनेशन नहीं किया जाएगा।

राष्ट्रीय पर्व

अतः 26 जनवरी हमारा महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। दिल्ली का लालकिला हो या पटना का राज्यपाल-भवन, राजकीय कार्यालय हो अथवा सामान्य घर-सर्वत्र बडी ही धूमधाम से तिरंगा राष्ट्रध्वज फहराया जाता है, ‘जन-गण-मन-अधिनायक जय हे’ राष्ट्रगीत गाया जाता है तथा ध्वज-वन्दन किया जाता है। आबालवृद्ध नर-नारी सभी का मन उमंगों-उछाहों के झूले पर झूलता रहता है।

सूरज की सोना बरसानेवाली पहली किरण से चाँद की सुधा बरसानेवाली अन्तिम रश्मि तक खाना-पीना, नाचना-गाना और उछलना-कूदना चलता रहता है। कहीं सिनेमा है तो कहीं नाटक, कहीं कवाली है तो कहीं कॉन्सर्ट, कहीं कवि-सम्मेलन है तो कहीं हास्य-गोष्ठी। हिमालय के तुषार-चर्चित शिखरों से मातृचरण पखारनेवाली कन्याकुमारी की लहरों तक, एलिफेण्टा की गुफाओं से असम की पहाड़ियों तक यह आनन्द का पारावार लहराता रहता है।

उपसंहार

किन्तु मौज और मस्ती में, रंगरलियों और आनन्दकेलियों में हमें नहीं भूलना चाहिए कि जिस स्वतंत्रता को हमने रक्त की होली खेलकर पाया है, उसकी रक्षा हम सूली की नोक पर चढ़कर तथा आग के दरिया में तैरकर भी करेंगे। जिस राष्ट्र का बच्चा-बच्चा सचेष्ट नहीं रहता, उसकी आजादी क्षण में छिन जाती है – इसके साक्षी इतिहास के अनगिनत पन्ने हैं


गणतंत्र दिवस पर निबंध (500 Words)

Republic Day हमारा राष्ट्रीय पर्व है। यह 26 जनवरी को समस्त देश में मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में छुट्टी होती है। स्कूल, कॉलिज, दफ्तर आदि बन्द होते हैं। सब भारतवासी हर्षोल्लास से इसे मनाते हैं। इस दिन का भारत को सदियों से इंतजार था।

15 अगस्त, 1847 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ; किन्तु वह आज़ादी अभी अधूरी थी। उस समय शासन की बागडोर अंग्रेज़ शासकों के हाथ में थी। उन्हीं का संविधान भारत पर लागू था। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय सविधान और भारतीय जनता का शासन लागू हुआ। भारतीय गणराज्य के रूप में नवीन युग का उदय हआ।

आज़ादी की पहली लड़ाई 1857 में लड़ी गई। हमें सफलता तो प्राप्त न हुई किन्तु देश में जागृति आने लगी। कांग्रेस की स्थापना के बाद देश में एकता की भावना उत्पान होने लगी। गाँधी जी ने कई आंदोलन चलाकर अंग्रेज़ों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। श्री जवाहरलाल नेहरू ने 26 जनवरी, 1929 के दिन लाहौर में रावी नदी के तट पर कांग्रेस के महाधिवेशन में पूर्ण स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी। अंग्रेजी सरकार ने अत्याचार किये। जेलें देश-भक्तों से भर गईं। कई वीर शहीद हुए। 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ।

भारत के कोने-कोने में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। बड़े-बड़े जलसे जलूसों का आयोजन किया जाता है। राज्यपालों को सलामी दी जाती है। राष्ट्रध्वज फहराया जाता है। राष्ट्रगीत गाया जाता है। राजकीय भवनों पर विद्युत प्रकाश किया जाता है। भारत की राजधानी में यह त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है।

दिल्ली के इंडिया गेट और विजय चौक पर लाखों की संख्या में लोग सूर्योदय होने से पूर्व एकत्रित हो जाते हैं। विजय चौक से एक लम्बा जलूस निकलता है। राष्ट्रपति सलामी लेते हैं। तोपें छोड़ी जाती हैं। जल, स्थल और वायुसेना के सैनिक परेड करते हुए लाल किले की ओर बढ़ते हैं। बंदूकें, तोपें, बम, टैंक और दूसरे अस्त्र-शस्त्र भी दिखाये जाते हैं। विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ अपनी सुन्दर पोशाकों में दिखाई पड़ते हैं। भारत के भिन्न-भिन्न प्रान्तों के लोगों की वेश – भूषा, रहन-सहन, प्रगति एवं सांस्कृतिक परम्परा का परिचय देती हैं। अन्त में वायुयान अपना करतब दिखाते हैं और पुष्प वर्षा करते हैं।

यह जलूस 12 बजे दोपहर लाल किले के प्रांगण में पहुँचता है। अपार जनसमूह इसको देखता है। दिल्ली को दुल्हिन की तरह सजाया जाता है। रात को ऐतिहासिक स्थानों पर रोशनी की जाती है। कवि सम्मेलन और मुशायरों का इस अवसर पर विशेष आयोजन किया जाता है।

Republic Day भारतवासियों के हृदय में राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा करता है। यह हमें उन वीरों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना तन, मन और धन लगा दिया। यह दिन हमें राष्ट्रपिता या गांधी की याद दिलाता है, जिन्होंने भारत को एक सूत्र में बाँधा और देश को स्वतन्त्र कराया। हमें गांधी जी सपनों को साकार करने का प्रयत्न करना चाहिए। हमें इस दिन अपने देश की रक्षा और उसकी उन्नति की प्रतिज्ञा करनी चाहिए। गणतन्त्र दिवस पर हमें उस पवित्र संविधान की याद आती है जो संविधान-निर्माताओं ने हमें सुंदर उपहार के रूप में प्रदान किया।


तो दोस्तों आपको यह Republic Day Essay in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

3 thoughts on “4 Best Republic Day Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध”

Leave a Comment