Best Essay on Cuckoo in Hindi | Koyal in Hindi | कोयल पर निबंध

Essay on Cuckoo in Hindi | Koyal in Hindi | कोयल पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Cuckoo in Hindi पर 1 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं

Essay on Cuckoo in Hindi (400 Words)

प्रारम्भ (Cuckoo in Hindi)

आम की लदी-झुकी डालियों से जब कोयल कूकती है, तब किसके हृदय में हूक नहीं उठ जाती ! मन-प्राणों में एक अजीब हलचल की लहर दौड़ आती है, दिल-दिमाग पर एक विचित्र बेखुदी का आलम व्याप जाता है।

कोयल (Koyal in Hindi) छोटी-सी लुभावनी चिड़िया है। रंग इसका ऐसा सुनहला-काला है कि किसी सुकेशी के केश-कलाप तक मात खा जायँ ! बोली इसकी इतनी मीठी और सरस है कि यह मधु घोलती है, अमृत की वर्षा करती है।

विशेषता

जब ऋतुराज वसंत का आगमन होता है, तब वन-उपवन में फूलों का बंदनवार टॅग जाता है। गंध-अंध मधु-लोलुप भ्रमरों की टोलियाँ एक छोर से दूसरे छोर तक चक्कर काटने लगती हैं। प्रियाल-पादपों पर बैठी कोयल रानी अपने ऋतुराज महाराज के स्वागत-संभार में पंचम स्वर में मिलन-राग अलापना आरम्भ करती है। इस वसंत-दूती, ऋतुराज की पटरानी, स्वर की सम्राज्ञी से अभिभूत कौन कोमल-हृदय कवि न होगा? क्या देशी, क्या विदेशी–सभी विख्यात कवियों ने अपनी कविताओं से इसे अमरत्व प्रदान किया है।

कविकुलगुरू कालिदास ने कोयल को रतिदूती तथा मधुर आलाप करने में स्वाभाविक रूप से पंडिता माना है –

रतिदतिपदेषु कोकिलां मधुरालापनिसर्गपंडिताम् । – कुमारसम्भव

बच्चनजी ने लिखा है

कौन तपस्या करके कोकिल
काली कर डाली काया ?
कौन तपस्या करके कोकिल,
तूने ऐसा स्वर पाया ?

पंतजी कहते हैं

गा कोकिल, बरसा पावक-कण
नष्ट-भ्रष्ट हो जीर्ण पुरातन ।

किन्तु, पंतजी का यह कहना क्या कोयल के स्वभाव के अनुकूल है? भला, ‘वसन्त की दूती’ क्यों ‘पावक-कण’ बरसाने लगी !

चिड़ियों में कोयल बिलकुल ‘मेम’ है; वर्ण से नहीं, वरन् कर्म से। वह अपने अंडे कौए के घोंसले में रख आती है, पालने की जहमत नहीं उठाती। बच्चे जब बड़े हो जाते हैं, तब स्वयं उड़कर उसके पास चले आते हैं। इसीलिए उसके कई नामों में एक नाम ‘परभृत’ यानी ‘दूसरे से पोसी-पाली गयी भी है।

कोयल (Koyal in Hindi) खेतों में, गांवों में, पिजड़ों में नहीं निवास करना चाहती। वह तो वनों में-प्रकृति की विशाल गोद में किलकना पसन्द करती है। इसीलिए कोकिल या पिक को ‘वनप्रिय’ कहते हैं। कोयल के मौजी स्वाभाव के बिलकुल प्रतिकूल है कि उसे पिजड़े में बन्द किया जाय। जो जीवनभर कैद में रहेगा, वह भला, आत्मीय गुणों का विकास कैसे कर पायगा?

उपसंहार (Cuckoo in Hindi)

कोयल देखने में काली, छोटी-नाटी चिड़िया क्यों न हो, क्यों न स्वयं अपने माँ-बाप से पोसी न जाकर पराये से पोसी जाती हो, पर है इसे वसन्त की पहचान। आम-टिकोरों का पहला स्वाद यही जानती है और अपने स्वर से ऐसी मिसरी घोलती है, ऐसा रस बरसाती है, इतनी सुधा टपकाती है कि सारा संसार इसका प्रशंसक बन जाता है। पूजा रूप की, कुल की नहीं, गुण की होती है और इसका सर्वोत्तम उदाहरण है – कोयल !


तो दोस्तों आपको यह Cuckoo in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

जीवनी पढ़ें अंग्रेजी भाषा में – Bollywoodbiofacts

2 thoughts on “Best Essay on Cuckoo in Hindi | Koyal in Hindi | कोयल पर निबंध”

Leave a Comment