Contents
Samas in Hindi
हेल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Samas (समास) in Hindi डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Samas in Hindi को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
समास शब्द का अर्थ है ‘संक्षेपीकरण’



‘राजमहल’ राजा का महल का संक्षिप्त रूप है। इसी प्रकार ‘रसोईघर’ रसोई के लिए घर का संक्षिप्त रूप है। यहाँ अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं आया। इसी संक्षेपीकरण की विधि को समास कहते हैं।
समास – Samas Ki Paribhasha
बिना परिवर्तन किये दो या अधिक शब्दों को मिलाकर एक शब्द में संक्षिप्त करने की विधि को समास कहते हैं। जैसे-राजा का महल = राजमहल
समस्त पद
समास करने के बाद जो शब्द बनता है, उसे समस्त पद कहते हैं।
जैसे – राजमहल, रसोईघर।
समास विग्रह – Samas Vigrah
समस्त पदों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।
जैसे – राजा का महल। रसोई के लिए घर।
समास के भेद – Samas ke Prakar | Samas Ke Bhed
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वन्द्व समास
अव्ययीभाव समास – Avyayibhav Samas
समस्त पद में जहाँ पहला खण्ड या पद प्रधान हो, उसे अव्ययी भाव कहते है।
जैसे – यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार, प्रतिदिन = हरदिन यहाँ ‘यथा’ और ‘प्रति’ पद अव्यय हैं। ये ही प्रधान हैं।
आजीवन | जीवनभर |
यथाक्रम | क्रम के अनुसार |
हर रोज़ | रोज़-रोज़ |
प्रतिक्षण | हर क्षण |
निडर | बिना डर के |
बेशक | बिना शक के |
- सम्पूर्ण वर्ण विचार पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- सम्पूर्ण शब्द विचार पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- सम्पूर्ण हिंदी भाषा और लिपि पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें ।
- यदि आपको इंग्लिश भाषा पढ़ना पसंद है तो यहाँ क्लिक करें – Bollywoodbiofacts
तत्पुरुष समास – Tatpurush Samas
समस्त पद में जहाँ दूसरा पद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष कहते हैं।
जैसे – राजा का पुत्र = राजपुत्र – यहाँ ‘पुत्र’ प्रधान है।
तत्पुरुष के भेद
कर्म तत्पुरुष | स्वर्गगामी = स्वर्ग को गया हुआ। (‘को’ कर्म का चिह्न है) गिरहकट = गिरह को काटने वाला |
करण तत्पुरुष | तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत (‘से’ द्वारा) करण कारक का चिह्न है) मनचाहा = मन से चाहा |
सम्प्रदान तत्पुरुष | हवन-सामग्री = हवन के लिए सामग्री (‘के लिए’ सम्प्रदान का चिह्न) रसोईघर = रसोई के लिए घर |
अपादान तत्पुरुष | पथ-भ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट ‘से’ अपादान कारक का चिह्न) देश-निकाला = देश से निकाला |
सम्बन्ध तत्पुरुष | राजकुमार = राजा का कुमार (‘का’ सम्बन्ध कारक का चिहन) गंगाजल = गंगा का जल |
अधिकरण तत्पुरुष | जलमग्न = जल में मग्न (‘में’ अधिकरण का चिह्न) नगरवास = नगर में वास। |
तत्पुरुष के तीन भेद
- नत्र तत्पुरुष
- कर्मधारय तत्पुरुष ।
- द्विगु तत्पुरुष
नञ तत्पुरुष – Nav Tatpurush
जिस शब्द में ‘न’ के अर्थ में ‘अ’ अथवा ‘अन’ का उपयोग हो वह नत्र तत्पुरुष कहलाता है।
जैसे – अभाव-न भाव, असभ्य-न सभ्य, असम्भव-न सम्भव ।
कर्मधारय समास – Karmadharaya Samas
जिसका पहला खण्ड विशेषण और दूसरा विशेष्य हो या पहला उपमान और दूसरा उपमेय हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे – नीलकमल = नीला कमल, चन्द्रमुख = चन्द्र के समान मुख।
द्विगु समास – Dvigu Samas
जहाँ पहला पद संख्या वाचक हो और समस्त पद समूहवाचक बन जाए।
जैसे – त्रिलोकी = तीनों लोकों का समूह।
बहुव्रीहि समास – Bahuvrihi Samas
जहाँ दोनों पद प्रधान न हों और समस्त पद किसी और पद का वाचक हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
जैसे – नीलाम्बर-नीला है अम्बर जिसका, चन्द्रमुख-चन्द्र के समान है मुख जिसका।
द्वन्द्व समास – Dvandva Samas
जहाँ दोनों पद प्रधान हों और ‘तथा’ ‘या’ ‘अथवा’ लगाने से विग्रह हो वहाँ द्वन्द्व समास होता है। जैसे – राम-सीता =राम और सीता, दाल-रोटी = दाल और रोटी। अच्छा-बुरा = अच्छा या बुरा।
कर्मधारय और बहुब्रीहि में अंतर
कर्मधारय में पहला पद दूसरे का विशेषण होता है। इसमें शब्दार्थ प्रधान होता है।
जैसे – नीलकंठ-नीला कंठ।
बहुब्रीहि में समस्त पद के दोनों पदों में विशेषण-विशेष्य का सम्बन्ध नहीं होता, अपितु वह समस्त पद किसी अन्य संज्ञादि का विशेषण होता है। इनके साथ ही शब्दार्थ गौण होता है और कोई भिन्न-अर्थ ही प्रधान हो जाता है। जैसे – नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका अर्थात् ‘शिव’।
तो दोस्तों आपको यह Samas in Hindi पर यह article कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।