वालीबाल का इतिहास – History of Volleyball
वालीबाल का खेल हमारे देश में बहुत प्राचीन समय से खेला जा रहा है और गांव, शहर और कस्बे में समान रूप से प्रचलित है।
एक तो इसमें साधन अधिक नहीं जुटाने पड़ते हैं नहीमंहगी खर्चीली पोशाक, जूते और साज-समान की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यह खेल ग्रामों में तथा छोटे देहाती कस्बों में बहुत प्रचलित है। दूसरी बात, यह शक्ति, उछल-कूद, प्रतिस्पर्धा का खेल है। इसमें गंभीर चोट लगने या घायल होने, झगड़ा होने की संभावनाएं नहीं हैं इसलिए यह खेल हमारे ग्रामीण समाज में, विद्यार्थियों और महिलाओं में बहुत अधिक प्रचलित है।
Volleyball Rules in Hindi – वालीबाल खेल के नियम
वालीबाल का मैदान
वालीबाल के लिए मैदान की लम्बाई 18 मीटर तथा चौड़ाई 9 मीटर होनी चाहिए। जाल भूमि से 7 फीट की ऊंचाई पर सभी बाधाओं से मुक्त होना चाहिए। मैदान 5 से.मी. चौड़ी रेखाओं द्वारा अंकित होना चाहिए। ये रेखायें सभी बाधाओं से कम-से-कम दो मीटर की दूरी पर होनी चाहिएं। जाल के नीचे की केन्द्रीय रेखा मैदान को दो बराबर भागों में बांटती है।
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आक्रमण-क्षेत्र
मैदान के प्रत्येक अर्द्ध भाग में केन्द्रीय रेखा के समानान्तर 3 मीटर दूर 5 से.मी. की रेखा (आक्रमण-क्षेत्र) खींची जायेगी। इसकी चौड़ाई 3 मीटर में शामिल होगी।
सर्विस क्षेत्र
15 * 15 से.मी. की दो रेखायें 20 से.मी. दूर पीछे की ओर लगाई जाती हैं। ये दोनों रेखायें सर्विस क्षेत्र निर्धारित करती हैं। एक रेखा दाई साइड रेखा के विस्तार में और दूसरी बाईं साइड रेखा से 3 मीटर पर खींची जाती है। सर्विस क्षेत्र का विस्तार कम से कम 3 मीटर होगा।
जाल
जाल मज़बूत सूती या नाईलोन की रस्सी का बुना हुआ जिसकी लम्बाई 9.50 मीटर और चौड़ाई एक मीटर होनी चाहिए। इस जाल के छेद 10 से.मी. चौकोर होने चाहिएं। इसके ऊपरी भाग में 5 से.मी. चौड़ा कैनवस का फीता इस प्रकार खींचा जाना चाहिए कि इसके भीतर एक लचीली तार जा सके। पुरुषों के लिए जाल की ऊंचाई केन्द्र में भूमि से 2 मीटर व 43 से.मी. होनी चाहिए तथा स्त्रियों के लिए 2 मीटर और 24 से.मी. होनी चाहिए।
खंभे
मज़बूत लकड़ी या लोहे के दो खंभे ज़मीन में निर्धारित स्थान पर गड़े होने चाहिएं ताकि इन पर जाल मज़बूती से बांधा जा सके। खंभे सीधे हों। खंभे हिलते-डुलते या झुके हुए न हो।
गेंद
वालीबाल की गेंद गोलाकर तथा नरम चमड़े की बनी होनी चाहिए। इसके अन्दर रबर का बना ब्लेडर होता है जिसमें हवा भरी होती है। गेंद में हवा का दबाव 0.48 और 0.52 कि. ग्राम के बीच होना चाहिए। इसकी परिधि 65 से.मी. से 67 से.मी. होनी चाहिए। इसका संपूर्ण भार 260 ग्राम से 280 ग्राम तक होना चाहिए।
खिलाड़ी की पोशाक
खिलाड़ी जर्सी, पेंट, हल्के जूते (रबड़ या चमड़े) के पहनेंगे। कोई भी खिलाड़ी सिर पर पगड़ी, टोपी, किसी प्रकार का आभूषण, रत्न, पिन, कंगन आदि नहीं पहनेगा। तथा ऐसी कोई वस्तु नहीं पहनेगा जिससे किसी अन्य खिलाडी को किसी प्रकार की चोट लगे।
खिलाड़ियों की संख्या
- खिलाड़ियों की संख्या सभी परिस्थितियों में 6 होगी। 6 स्थानापन्न खिलाड़ी होंगे यानि कुल 12 खिलाड़ी एक टीम में होंगे।
- स्थानापन्न खिलाड़ी तथा प्रशिक्षक रैफरी के सामने मैदान में बैठेंगे।
- खिलाड़ी बदलने के लिए टीम का कप्तान या प्रशिक्षक रैफरी से प्रार्थना करेगा। एक खेल में अधिक-से-अधिक छः खिलाड़ी बदलने की अनुमति होती है। खेल में प्रविष्ट होने से पहले स्थानापन्न खिलाड़ी स्कोरर के सामने उसी पोशाक में जाएगा और अनुमति मिलने के तुरंत पश्चात् अपना स्थान ग्रहण करेगा।
- जब प्रत्येक खिलाड़ी प्रतिस्थापन के रूप में बदला जाता है तो वह उसी सेट में प्रवेश करेगा। परन्तु ऐसा केवल एक ही बार किया जा सकता है। उसके पश्चात् जो खिलाड़ी बाहर गया हो, वही प्रतिस्थापन के रूप में आ सकता है।
- दोनों पक्षों के लिए चिह्न : एक अस्थिर गतिशील 5 से. मीटर चौड़ी सफेद पट्टी जाल के अन्तिम सिरों पर लगाई जाती है। दोनों खंभों के निशान से कम-से-कम 50 से.मी. दूर होंगे।
खिलाड़ियों का आचरण
- प्रत्येक खिलाड़ी को खेल-खेल में स्वास्थ्यों की पूरी जानकारी होनी चाहिए तथा दृढ़ता से इनका पालन करना चाहिए।
- खेल के दौरान कोई खिलाड़ी अपने कप्तान के माध्यम से ही रैफरी से बात कर सकता है। इस प्रकार कप्तान ही रैफरी से बात कर सकता है।
निम्नलिखित सभी अपराधों के लिए दण्ड दिया जायेगा
- अधिकारियों से उनके निर्णय पर बहस करने पर।
- अधिकारियों को अपशब्द कहने पर।
- अधिकारियों के निर्णयों को प्रभावित करने की अनुचित कोशिश।
- विरोधी खिलाड़ियों से अभद्र व्यवहार।
- मैदान के बाहर से खिलाड़ियों को खेल-सम्बन्धी आदेश देना।
- रैफरी की अनुमति लिए बिना मैदान छोड़ देना।
- खिलाड़ियों का सर्विस प्राप्त करने पर खुद ही चिल्लाना।
- मामूली अपराध के लिए साधारण चेतावनी। अपराध के दोहराये जाने पर खिलाड़ी को व्यक्तिगत चेतावनी (लाल कार्ड) मिलेगा। इससे उसका सर्विस का अधिकार या एक अंक कम होगा।
- गम्भीर अपराध की दशा में स्कोर शीट पर चेतावनी दर्ज की जाती है। इससे 1 अंक या सर्विस का अधिकार कम हो जाता है। यदि अपराध फिर भी दोहराया जाता है तो रैफरी खिलाड़ी को एक सेट या पूरे खेल के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है।
खिलाड़ियों की स्थिति
सर्विस होने के पश्चात् दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने-अपने क्षेत्र में खड़े होते हैं। यह कोई आवश्यक नहीं है कि लाइनें सीधी ही हों। खिलाड़ी जाल के समानान्तर दाएं से बाएं इस प्रकार स्थान ग्रहण करते हैं।
सर्विस के पश्चात् खिलाड़ी अपने क्षेत्र के किसी भाग को रोक सकता है। स्कोर शीट में अंकित रोटेशन के अनुसार उसे सेट के अन्त तक प्रयोग में लाना होगा। रोटेशन में किसी त्रुटि के पता चलने पर खेल रोक दिया जाता है और त्रुटि को ठीक किया जाता है। त्रुटि करने वाली टीम द्वारा लिये गए प्वाइंट (त्रुटि के समय) रद्दकर दिए जाते हैं। विरोधी टीम द्वारा प्राप्त प्वाइंट स्थिर रहते हैं। यदि त्रुटि का पता न चले तो अपराधी दल अपने उपयुक्त स्थान पर लौट आयेगा और स्थिति के अनुसार सर्विस या प्वाइंट खोयेगा।
निर्णायक
एक रैफरी, एक अम्पायर, एक स्कोरर और दो या चार लाइन मैन होते हैं।
खेल के नियम
- सभी अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के पांच जीतनेवाले सेट खेले जाते हैं।
- सर्विस या क्षेत्र के चुनाव के लिए दोनों टीमों के कप्तान टॉस करेंगे। सर्विस का निर्णय भी टॉस द्वारा होगा।
- प्रत्येक खेल के पश्चात् टीमें अपना क्षेत्र बदलेंगी। जब दो टीमों के अन्तिम सेट में प्वाइंट हों तो टीमें अपनी दिशाएं अवश्य बदलेंगी परन्तु सर्विस वहीं टीम करेगी जो दिशा परिवर्तन कर रही हो।
टाइम आउट
- रैफरी या अम्पायर केवल मृत गेंद पर ही टाइम आउट देगा।
- टीम के कप्तान या कोच को विश्राम तथा प्रतिस्थापना के लिए टाइप आउट मांगने का अधिकार है।
- टाइम आउट के दौरान खिलाड़ी क्षेत्र छोड़कर किसी से बात भी नहीं कर सकते हैं। केवल कोच से ही परामर्श ले सकते हैं।
- प्रत्येक टीम विश्राम के लिए दो टाइम आउट ले सकती है। विश्राम की यह अवधि 30 सेकंड से अधिक नहीं होनी चाहिए। लगातार दो टाइम आउट भी लिए जा सकते है।
- यदि दो टाइम आउट लेने के बाद कोई टीम तीसरी बार विश्राम के लिए टाइम आउट का अनुरोध करती है तो रैफरी संबधित कप्तान को चेतावनी देगा। यदि इसके पश्चात् भी अनुरोध किया गया तो सम्बन्धित टीम को प्वाइंट खोने या सर्विस खोने का दण्ड दिया जायेगा।
- खिलाड़ी के स्थानापन्न खिलाड़ी के आते ही खेल प्रारम्भ हो जायेगा।
- किसी खिलाड़ी के घायल होने की दशा में तीन मिनट का काल स्थगन दिया जाएगा। यह तभी दिया जायेगा, यदि घायल खिलाड़ी बदला नहीं जा सकता हो।
- प्रत्येक सेट के बीच दो मिनट का अवकाश होगा। परन्तु चौथे और अन्तिम 5 वें सेट के बीच में 5 मिनट का अवकाश होगा।
खेल में विघ्न (आबस्ट्रक्शन)
यदि किसी कारणवश खेल में विघ्न पड़ जाए और मैच समाप्त न हो सके तो इस समस्या का हल निम्न प्रकार किया जायेगा।
- खेल उसी क्षेत्र में जारी किया जायेगा और खेल रुकने के समय के परिणाम रखे जायेंगे।
- यदि खेल में बाधा 4 घंटे से अधिक न हो तो मैच निश्चित स्थान पर पुनः खेला जायेगा।
- मैच के किसी अन्य क्षेत्र या स्टेडियम में आरम्भ किए जाने की दशा में रुके हुए खेल के सेट को रद्द किया जायेगा। किन्तु खेले गए मैच के परिणाम ज्यों-के-त्यों रहेंगे।
सर्विस
सर्विस से मतलब है पीछे से दायें पक्ष के खिलाड़ी द्वारा गेंद खेल में डालना। वह अपनी खुली या बन्द मुट्ठी बांधे हुए हाथ से या भुजा के किसी भाग से गेंद को इस प्रकार मारता है कि वह जाल के ऊपर से होती हुई विपक्षी टीम के अर्द्धक में पहुंच जाये। सर्विस निर्धारित स्थान से की जाने पर ही मान्य समझी जायेगी। गेंद को हाथ से पकड़कर मारना मना है। सर्विस करने के बाद खिलाड़ी अपने अर्द्धक्षेत्र या इसकी सीमा-रेखा पर भी रह सकता है।
सर्विस की त्रुटियां
यदि निम्नलिखित में से कोई त्रुटि होती है तो रैफरी सर्विस बदलने के लिए सीटी बजायेगा।
- जब गेंद जाल से छू जाए।
- जब गेंद जाल के नीचे से निकल जाए।
- जब गेंद फीतों का स्पर्श कर ले या पूरी तरह जाल को पार न कर ले।
- जब गेंद विपक्षी क्षेत्र में पहुंचने से पूर्व किसी खिलाड़ी या वस्तु को छू ले।
दूसरी तथा उत्तरावर्ती सर्विस
प्रत्येक नए सेट में वह टीम सर्विस करेगी जिसने इससे पहले सेट में सर्विस न की हो। अन्तिम तथा निर्णायक सेट में सर्विस टॉस द्वारा निश्चित की जायेगी।
खेल बाधा
यदि रैफरी के अनुसार कोई खिलाड़ी जान-बूझकर खेल में बाधा पहुंचाता है तो उसे दण्ड दिया जाता है।
सर्विस में परिवर्तन
जब सर्विस करनेवाली टीम कोई त्रुटि करती है तो सर्विस में परिवर्तन होता है। गेंद साइड आउट होती है तो सर्विस में परिवर्तन होता है।
रोटेशन स्थान परिवर्तन
- सर्विस परिवर्तन पर सर्विस करने वाली टीम के खिलाड़ी सर्विस से पहले घड़ी की सुइयों की दिशा में अपना स्थान बदलेंगे।
- नये सेट के आरंभ में टीमें नए खिलाड़ी लाकर अपने पहले स्थानों पर परिवर्तन कर सकती हैं, परन्तु खेल आरम्भ होने से पहले इस विषय में स्कोरर को अवश्य सूचना दे दें।
गेंद को हिट मारना
- प्रत्येक टीम विपक्षी अर्द्धक में गेंद पहुंचाने के लिए तीन सम्पर्क कर सकती है।
- गेंद पर शरीर के, कमर के, ऊपर के किसी भी भाग से प्रहार किया जा सकता है।
- गेंद शरीर के कमर के ऊपरी अंगों से भी एक ही बार छूना चाहिए। गेंद पकड़ी न जाए बल्कि जोर से उछले।
- यदि गेंद खिलाड़ी के हाथों या बांहों पर कुछ क्षण रुक जाए तो उसे गेंद पकड़ना माना जायेगा। गेंद को नीचे से दोनों हाथों से एक साथ प्रहार करना नियमानुसार है।
दोहरा प्रहार
यदि कोई खिलाड़ी एक से अधिक बार अपने शरीर के किसी अंग द्वारा गेंद को छूता है जबकि किसी अन्य खिलाड़ी ने उसे स्पर्श न किया हो तो वह दोहरा प्रहार या स्पर्श माना जायेगा।
ब्लाकिंग
यह वह प्रक्रिया है जिसमें गेंद के जाल पर से गुजरते ही नैट के ऊपर शरीर के किसी भा द्वारा तुरन्त विरोधी के आक्रमण को रोकने की कोशिश की जाती है।
ब्लाकिंग केवल आगेवाली पंक्ति में खड़े खिलाड़ी ही करते हैं। पिछली पंक्ति में खड़े खिलाड़ियों को बलाकिंग करने की आजा नहीं होती।
ब्लाकिंग के पश्चात कोई भी ब्लाकिंग में भाग लेनेवाला खिलाड़ी गेंद प्राप्त कर सकता है। परन्तु ब्लाक के बाद स्मैश या प्लेसिंग नहीं की जा सकती है।
जाल पर खेल
- जब खेल के दौरान गेंद (सर्विस के अतिरिक्त) जाल को छूती हुई जाती है तो यह ठीक मानी जाती है।
- बाहर के चिह्नों के बीच से जब गेंद जाल को पार करती है तो भी गेंद अच्छी मानी जाती है।
- जाल में लगी गेंद खेली जा सकती है। यदि टीम द्वारा गेंद तीन बार खेली गई है और गेंद चौथी बार जाल को लगती है या भूमि पर गिरती है तो रैफरी नियम भंग की सीटी बजायेगा।
- यदि गेंद जाल में इतनी ज्यादा जोर से लगती है कि जाल किसी विरोधी खिलाड़ी को छू ले तो स्पर्श के लिए विरोधी खिलाड़ी को दोषी नहीं माना जायेगा।
- यदि दो विरोधी खिलाड़ी एक साथ जाल को छूते हैं तो इसे दोहरी त्रुटि माना जायेगा।
जाल के ऊपर से हाथ पार करना
- ब्लाकिंग के दौरान जाल के ऊपर से हाथ पार करके विरोधी के क्षेत्र में गेंद को स्पर्श करना त्रुटि नहीं मानी जाएगी किन्तु उस समय गेंद का स्पर्श स्मैश के बाद हुआ हो।
- आक्रामण के पश्चात् हाथ को जाल पर से पार ले जाना त्रुटि नहीं है।
केन्द्रीय रेखा पार करना
- यदि खेल के दौरान किसी खिलाड़ी के शरीर का कोई भाग विरोधी क्षेत्र में चला जाता है तो वह त्रुटि नहीं होगी।
- जाल के नीचे से पार होना, विरोधी खिलाड़ी का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए नीचे की भूमि से शरीर को प्रवेश करना त्रुटि माना जायेगा।
- रैफरी की सीटी के पूर्व विरोधी क्षेत्र में घुसना त्रुटि मानी जायेगी।
खेल से बाहर गेंद
- यदि चिह्नों या फीतों के बाहर गेंद जाल को स्पर्श करती है तो यह त्रुटि होगी।
- यदि गेंद भूमि की किसी वस्तु या मैदान की परिधि से बाहर ज़मीन छू लेती है तो उसे आउट माना जाता है। रेखा स्पर्श करने वाली गेंद ठीक मानी जायेगी।
- रैफरी की सीटी के साथ ही खेल समाप्त हो जायेगा। यानी गेंद मृत मानी जायेगी।
स्कोर तथा खेल का परिणाम
- जब कोई टीम गेंद प्राप्तकर उसे जाल के ऊपर से ठीक प्रकार से विरोधी टीम के क्षेत्र में ठीक से नहीं पहुंचा सकती तो विरोधी टीम को एक प्वाइंट दिया जाएगा।
- जब एक टीम कम से कम 15 प्वाइंट प्राप्त करे और 2 प्वाइंटों से आगे हो तो वह टीम विजयी होगी। जब स्कोर 14-14 हो तो खेल 16-14, 17-15, 18-16, 19-17 आदि प्वाइंट तक खेलना आवश्यक होगा।
- जो टीम रैफरी का आदेश पाने के बाद भी खेलने से इनकार करती है तो उस द्वारा खेल खो दिया जाता है। किसी खिलाड़ी को चोट लग जाने पर टीम के अधूरे रह जाने पर छूट दी जा सकती है। खेल खो देने वाली टीम के प्वाइंट 0 = 15 माने जाएंगे और पूरे खेल में 0 = 3 सेट माने जायेंगे।
निर्णय
रैफरी का निर्णय अन्तिम होगा। नियमों के व्याख्या-सम्बन्धी निर्णय पर टीम का कप्तान प्रोटेस्ट कर सकता है अन्य खिलाड़ी नहीं। रैफरी के निर्णय से असंतुष्ट होने पर ऊपर के अधिकारी जांच-पड़ताल कर सकते हैं। इस स्थिति में खेल जारी रहेगा।
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