हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Visheshan (विशेषण) Adjective in Hindi डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Visheshan (विशेषण) Adjective in Hindi को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।



ऊपर लिखे वाक्यों को ध्यान से पढ़िए:
आपने देखा कि ‘दो’ शब्द कुत्तों की संख्या का बोध करा रहे हैं, ‘मोटा’ शब्द आदमी की और ‘छोटा’ शब्द बच्चे की विशेषता बता रहा हैं। ठीक इसी तरह ‘कुछ’ पानी के परिमाण का ज्ञान कराता है।
ये सभी शब्द विशेषण (Visheshan) कहलाते हैं।
Contents
Visheshan विशेषण की परिभाषा – Visheshan Kise Kahte Hai
किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण-दोष तथा संख्या-परिमाण आदि की विशेषता का बोध कराने वाले शब्द विशेषण (Visheshan) कहलाते है।
जैसे – मोटा, पतला, छोटा, बड़ा, पीला, नीला, थोड़ा, बहुत, तीन, चार आदि।
विशेषण के भेद (Visheshan Ke Bhed)



- गुणवाचक विशेषण (ADJECTIVE OF QUALITY)
- संख्यावाचक विशेषण (ADJECTIVE OF NUMBER)
- परिमाणवाचक विशेषण (ADJECTIVE OF QUANTITY)
- संकेतवाचक विशेषण (DEMONSTRATIVE ADJECTIVE)
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गुणवाचक विशेषण
जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के गुण-दोष अथवा रूप-रंग का बोध कराए, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे –
गुण | अच्छा, सुंदर, विद्वान, आदि। |
दोष | बुरा, कुरूप, मूर्ख आदि। |
रंग | लाल, पीला, नीला आदि। |
काल | सुबह, शाम, रात आदि। |
अवस्था | स्वस्थ, अस्वस्थ, रोगी आदि। |
संख्यावाचक विशेषण
जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित अथवा अनिश्चित संख्या का बोध कराने वाला संख्यावाचक विशेषण कहलाता है।
जैसे – चार, पाँच, कुछ, कम, अधिक आदि।
संख्यावाचक विशेषण के भेद
- निश्चित संख्यावाचक
- अनिश्चित संख्यावाचक
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन शब्दों से संज्ञा अथवा सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध होता है, वे शब्द निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे -चार कुत्ते, दो बालक।
यहाँ चार और दो निश्चित संख्यावाचक विशेषण हैं।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उपभेद
गणनावाचक विशेषण – इसमें केवल गिनती का बोध होता हैं।
जैसे -एक, पाँच, दस आदि ।
क्रमवाचक विशेषण – इसमें क्रम का बोध होता है।
जैसे – पहला, पाँचवाँ, दसवाँ आदि।
आवृतिवाचक विशेषण – इसमें किसी वस्तु की आवृति का बोध होता है।
जैसे -दुगुना, चौगुना आदि।
समूहवाचक – इसमें सामूहिक संख्या का बोध होता है।
जैसे -पाँचों, सातों, दसों आदि। (ख)
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से किसी संख्या का निश्चय नहीं होता है, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशषण कहलाते हैं।
जैसे – (1) कुछ कुर्सियाँ लाओ। (2) थोडी टाफियाँ मुझे दो।
यहाँ ‘कुछ’ और ‘थोड़ी’ शब्द अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण हैं।
परिमाणवाचक विशेषण
जो विशेषण किसी वस्तु के परिमाण (नापतोल) को प्रकट करें, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते | जैसे-‘दो लीटर’ दूध। ‘पाँच गज़’ कपड़ा।
परिमाणवाचक विशेषण के भेद
निश्चित परिमाणवाचक
जिनसे वस्तु की निश्चित मात्रा का ज्ञान होता है।
जैसे -‘दो लीटर’। दूध दो। ‘पाँच मन’ लकड़ी लाओ।
यहाँ ‘दो लीटर’ और ‘पाँच मन’ शब्द निश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की अनिश्चित मात्रा का ज्ञान हो, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे -‘थोड़ा-सा’ दूध दो। उसे ‘कुछ’ कपड़े दे दो।
यहाँ ‘थोड़ा-सा’ और ‘कुछ’ शब्द अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।
संकेतवाचक विशेषण
जो सर्वनाम शब्द संकेत द्वारा विशेषण बताएँ, उन्हें संकेतवाचक विशेषण (Visheshan) कहते हैं। यह बच्चा’ ‘वह’ आदमी। संकेतवाचक विशेषण को सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं; क्योंकि ये सर्वनामों से बनते हैं।
संख्यावाचक और परिमाणवाचक में अंतर
जिन शब्दों की गिनती की जा सके, उनके वाचक शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे -‘कुछ’ । बच्चे खेल रहे हैं। यहाँ कुछ गिनती के लिए है।
जिन वस्तुओं की नाप-तोल की जा सके, उनके वाचक शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे – ‘कुछ’ फल खाओ। यहाँ ‘कुछ’ शब्द फलों के ‘वजन’ को प्रकट करता है।
विशेषणों में विकार (Declension of Adjective)
विशेषण विकारी होते हैं। अत: विशेषणों के लिंग, वचन और कारक विशेष्य के अनुसार बदलते हैं।
जैसे – वह अच्छा बालक है। वह अच्छी बच्ची है, वे अच्छे बच्चे हैं, वे अच्छी बच्चियाँ हैं।
विशेषणों की तुलना (Degrees of Comparison)
विशेषण (Visheshan) किसी वस्तु के गुण-दोष बताते हैं। वस्तु के गुण-दोष कम-ज्यादा भी हो सकते हैं। उन्हें तुलनात्मक | ढंग से ही जाना जा सकता है। तुलना की दृष्टि से विशेषणों की नीचे लिखी तीन अवस्थाएँ होती हैं:
- मूलावस्था (Positive Degree)
- उत्तरावस्था (Comparative Degree)
- उत्तमावस्था (Superlative Degree)
मूलावस्था
इसमें किसी से तुलना नहीं होती। जैसे-राम एक अच्छा लड़का है।
उत्तरावस्था
इसमें दो की तुलना करके एक को अच्छा या बुरा बताते हैं। जैसे-राम श्याम से | अधिक अच्छा है।
उत्तमावस्था
इसमें दो से अधिक के गुण दोष बताकर एक को सबसे अच्छा या बुरा बताया जाता | है। जैसे-राम सब बालकों से अच्छा है।
तीन अवस्थाएँ
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
---|---|---|
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
कठोर | कठोरतर | कठोरतम |
सुन्दर | सुंदरतर | सुन्दरतम |
तीव्र | तीव्रतर | तीव्रतम |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठतर | श्रेष्ठतम |
निम्न | निम्नतर | निम्नतम |
कठिन | कठिनतर | कठिनतम |
सरल | सरलतर | सरलतम |
सुगम | सुगमतर | सुगमतम |
लघु | लघुतर | लघुतम |
न्यून | न्यूनतर | न्यूनतम |
महान | महत्तर | महानतम |
विशाल | विशालतर | विशालतम |
मधुर | मधुरतर | मधुरतम |
विशेषणों की रचना
कुछ शब्द मूल रूप से विशेषण होते हैं। कुछ विशेषण (Visheshan) शब्दों की रचना निम्नलिखित शब्दों से की जाती है।
सर्वनाम से विशेषण बनाना
सर्वनाम | विशेषण |
---|---|
यह | ऐसा |
वह | वैसा |
क्रिया से विशेषण बनाना
क्रिया | विशेषण |
---|---|
पालना | पालने वाला |
भागना | भागने वाला |
रखना | रखवाला |
पत् | पतित |
वन्द | वन्दनीय |
पूज | पूजनीय |
पठ | पठित |
संज्ञा से विशेषण बनाना
‘ई’ प्रत्यय लगाने से-गुण-गुणी, जापान-जापानी, पाप-पापी, धन-धनी, स्वदेश-स्वदेशी आदि।
‘ईय’ प्रत्यय लगाने से– भारत= भारतीय, जाति-जातीय, स्वर्गीय, राष्ट्रीय, वन्दनीय, स्थानीय।
‘इक’ प्रत्यय लगाने से – वर्ष – वार्षिक, नगर – नागरिक, सप्ताह – साप्ताहिक, समाज – सामाजिक, दिन – दैनिक, संसार – सांसारिक, पक्ष – पाक्षिक, इतिहास – ऐतिहासिक, अंश – आंशिक, साहित्य – साहित्यिक, अर्थ – आर्थिक, शब्द – शाब्दिक, अलंकार – आलंकारिक, तत्व – तात्विक, परिवार – पारिवारिक, देव – दैविक
‘इत’ प्रत्यय लगाने से – अपमान-अपमानित, नियम-नियमित, गणित, आश्रित. चिन्तित. सुरभित, तरंगित।
‘ईन’ प्रत्यय लगाने से – नमक-नमकीन, कुल-कुलीन, प्राचीन, ग्रामीण।
‘आलु’ प्रत्यय लगाने से – दया-दयालु, कृपा-कृपालु, झगड़ालु, श्रद्धालु, ईर्ष्यालु।
‘ईला’ प्रत्यय लगाने से – फुर्ती-फुर्तीला, हठ-हठीला।
‘वान’ प्रत्यय लगाने से – धन-धनवान, गुण-गुणवान, पुत्रवान, बलवान आदि।
‘मान’ प्रत्यय लगाने से – श्री- श्रीमान, गति-गतिमान, तुल्य-तुल्यमान, बुद्धिमान।
स्त्रीलिंग रूप – गुण – गुणवान-गुणवती, रूप – रूपवान-रूपवती, श्री – श्रीमान-श्रीमती।
तो दोस्तों आपको यह Visheshan (विशेषण) Adjective in Hindi पर यह article कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।