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Pita ko Patra Format | Letter to father Format
हेल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Letter to father in Hindi (pita ko Patra) डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Letter to father in Hindi (pita ko Patra) को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पिता को पत्र – खर्च के लिए रुपए मँगवाने के लिए – Pitaji ko Patra Lekhan in Hindi
दून स्कूल, देहरादून।
दिनांक : 22-7-2021
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
अभी-अभी आपका पत्र मिला। घर में सबके कुशल समाचार पढ़कर प्रसन्नता हुई। आपने मेरी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा है। मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है। अगले सप्ताह प्रथम सत्र की परीक्षा आरम्भ होगी। इसके बाद दशहरे की छुट्टियाँ हो जाएँगी।
इन छुट्टियों में मैं विद्यालय – परिवार के साथ भारत-दर्शन के लिए जा रहा हूँ। अत: मासिक व्यय के साथ-साथ आप 200 रुपये अतिरिक्त राशि के रूप में भिजवा दीजिए। माताजी को प्रणाम और पिंकी को प्यार।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
राजीव
आठवीं, ‘सी’
पुत्र का पत्र पिता के नाम – Letter to father Format
आदरणीय पिताजी,
आपका पत्र मिला। मैं यहां हॉस्टल में आकर स्वयं को व्यवस्थित करने में कुछ इस तरह से व्यक्त व्यस्त हो गया की फौरन ही उत्तर ना दे सका आपके पत्र से मुझे प्रेरणा मिली है। जहां तक मेरे छात्रावास जीवन का संबंध है तो बता देना आवश्यक समझता हूं कि सौभाग्य से हमारे छात्रावास कमरे का साथी ही बहुत अच्छा मिल गया है। उसके साथ पढ़ने पढ़ाई विषय पर विचार विमर्श करने में हंसी खुशी से समय गुजर जाता है।
छात्रावास भोजनालय में खाना बहुत उम्दा मिलता है कृपया मां से कह दे वह इस मामले में चिंतित ना हो।
माता जी को सादर अभिवादन और छोटों को आशीष कहिएगा। पत्र लिखना बंद करता हूं मैं इस आशा के साथ कि भविष्य में भी आप की ओर से इसी तरह मार्गदर्शन कराने वाला पत्र प्राप्त होगा।
आपका स्नेहाकांछी
शुभम कुमार
पिताजी को पत्र अंग्रेजी में अच्छे नंबर ना आने पाने के विषय में – Anopcharik Patra Format
आदरणीय पिताजी,
मैं यहां सकुशल रहकर आपकी कुशलता शुभ चाहता हूं मेरे स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षाएं हो चुकी है। यधपि मैंने सभी प्रश्न पत्र अच्छे किए थे, फिर भी अंग्रेजी में अच्छे अंक अर्जित ना कर सका। मैंने अपनी ओर से पूरा परिश्रम किया। मैं अंग्रेजी व्याकरण और अनुवाद में बहुत कमजोर हूं। अतः आपसे निवेदन करता हूं कि मुझे स्कूल की अंग्रेजी ट्यूशन कक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान करें।
आदरणीय माता जी को मेरा सादर अभिवादन पहुंचे।
आभारी रहूंगा।
आपका आज्ञाकारी
शुभम कुमार।
पुत्र की ओर से पिता को पत्र – Letter to father
राजकीय इंटर कॉलेज, पटना
27 मार्च, 2021
आदरणीय पिताश्री,
आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि मैंने इंटरमीडिएट परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण कर ली है। मैंने अपना परीक्षा फल कुछ दिन पहले देखा। अपना परीक्षाफल देख कर मैं बहुत प्रसन्न हुआ।
यह मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं गर्मी की छुट्टियों में शिमला घूमने जाऊं। मैं आपको स्मरण कराना चाहता हूं कि फरवरी को आपने मुझे वायदा किया था की परीक्षा में पास होने की खुशी में आप मुझे ₹500 देंगे, जिसे मैं अपनी मर्जी से खर्च कर सकूंगा। मैंने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, क्या आप मुझे अनुमति देंगे कि मैं शिमला घूमने जाऊं।
कृपया माता जी को मेरा चरण स्पर्श कहिएगा, रिता और राजा को आशीष।
आपका आज्ञाकारी
मुकेश
पिता को पत्र | Pita ko Patra | Letter to father in hindi
राजकीय इंटर कॉलेज, पटना
27 मार्च, 2021
आदरणीय पिताजी,
आपका स्नेह भरा पत्र मिला, धन्यवाद। आपने मेरे नए स्कूल के विषय में जानकारियां चाही है इस संबंध में लिखते हुए मुझे हर्ष हो रहा है। मेरा स्कूल शहर के बाहरी भूभाग में स्थित है। इसकी इमारत बड़ी और बहुत उम्दा है। यह करीब 45 कमरे का है। स्कूल का हॉल देखने योग्य है। उसके सामने एक छोटा बगीचा है। जिसमें अनेकानेक छायादार वृक्ष और फूलों के पौधे हैं। छात्र वहां टहलना पसंद करते हैं। वहां किसी को भी फूल तोड़ने की इजाजत नहीं है।
स्कूल पुस्तकालय भी काफी बड़ा है। वहां बहुत सी पुस्तकें हैं। विद्यार्थी एक समय में एक किताब हासिल कर सकता है। यदि पुस्तक एक हफ्ता में नहीं लौटाई जाती तो अर्थ दंड देना पड़ता है। स्कूल के निकट एक खेल का मैदान है। सभी विद्यार्थी को शाम के समय कोई ना कोई खेल खेलना आवश्यक है। यह छात्रों को स्वस्थ और मजबूत रखता है।
कभी आप आइए, आप यह सब देखकर प्रसन्न होंगे परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं।
आपका स्नेहाकांछी
शुभम कुमार
पिता को पत्र किताब खरीदने के लिए कुछ पैसे की मांग। – Letter to father Format
राजकीय इंटर कॉलेज, पटना
27 मार्च, 2021
पूज्य पिताजी,
आपके कृपा पात्र के लिए धन्यवाद मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप सब घर पर बिल्कुल अच्छे हैं।
पिताजी मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही है। मुझे कुछ किताब खरीदना है जिसके लिए मुझे कुछ रुपयों की आवश्यकता है। कृपया मुझे ₹500 शीघ्र भेजें।
कृपया मेरा प्यार को कह दे उन्हें और अधिक पत्र लिखने को करें
आपका प्यारा पुत्र
रोहित
अपने पिता को एक पत्र लिखें, जिसमें उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य के बारे में जानकारी दें। Pitaji ko Patra Lekhan in Hindi
पूज्य पिताजी,
राँची
सादर प्रणाम। तिथि_____
आपका पत्र प्राप्त हुआ। मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी भी कुशल होंगे। आपने मेरे जीवन के लक्ष्य के बारे में जानने की इच्छा व्यक्त की है। प्रत्येक अभिभावक की इच्छा यही होती है कि मेरा पुत्र सुशिक्षित, योग्य एवं सफल व्यक्ति बने। मेरे जीवन का लक्ष्य एक कुशल एवं सफल डॉक्टर बनना है।
मैं एक अच्छा डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहता हूँ। मैं गरीब एवं असहाय मरीजों की सेवा करना चाहता हूँ। यही लक्ष्य लेकर मैं आगे बढ़ रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपका आशीर्वाद और मेरा परिश्रम इस उपलब्धि को प्राप्त करने में मुझे सफल बनाएगा। माँ एवं अन्य बड़ों को प्रणाम तथा छोटों को स्नेहाशीष ।
पताः आपका प्यारा पुत्र
राजेश
पिता को अपनी परीक्षा की तैयारी से अवगत कराते हुए पत्र लिखें। Pitaji ko Patra Lekhan in Hindi
पूज्य पिताजी,
नूतन छात्रावास
सादर प्रणाम। पटना
आपका कृपा-पत्र मुझे प्राप्त हुआ। आपके स्नेहाशीष से मैं सकुशल हूँ। मेरी आगामी परीक्षा जल्द ही शुरू होनेवाली है और मैं पूरी निष्ठा एवं क्षमता के साथ उसकी तैयारी में लगा हुआ हूँ। लगभग सभी विषयों की तैयारी हो चुकी है।
शुरुआत में गणित की तैयारी में कुछ कठिनाई अवश्य हुई थी, परंतु गणित के शिक्षक महोदय की सहायता से वह भी अब समाप्त हो गई है। यहाँ सभी श्रद्धेय गुरुजनों का मार्गदर्शन सदैव प्राप्त होता रहता है। मुझे आशा नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि उक्त परीक्षा में मैं अच्छे अंक प्राप्त करूँगा।
पूज्या माँ एवं अन्य बड़ों को चरण-स्पर्श तथा छोटों को स्नेहाशीष ।
पताः आपका प्यारा पुत्र
राजेश
एक पत्र अपने पिता को लिखिए, जिसमें पुस्तकें खरीदने के लिए रुपये भेजने की प्रार्थना की गयी हो। Father Letter in Hindi
परीक्षा भवन,
5 अप्रैल, 2020
पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।
आशा है, आप व घर के अन्य सभी सदस्य सकुशल व सानन्द हैं। इस बार मैं आपको पत्र जल्दी न भेज सका, क्योंकि मेरी योग्यता परीक्षा हो रही थी। उसकी तैयारी में लगा रहा। मेरी गणित और अंग्रेजी की परीक्षा इस बार इसलिए कुछ ढीली रह गई, क्योंकि इन दोनों विषयों में से सम्बन्धित अच्छी पुस्तके मेरे पास नहीं थी।
अतः आपसे प्रार्थना है कि इन दोनों विषयों की बढ़ियाँ पुस्तकें खरीदने के लिए आप मुझे 200 (दौ सौ) रुपये भेज दें। मैं ए-वन गणित गाइड तथा ए-वन अंग्रेजी गाइड खरीदना चाहता हूँ। इन दोनों गाइडों की प्रशंसा मेरे अन्य सहपाठियों ने भी कही है। इसलिए इन पुस्तकों के लिए रुपयों की आवश्यकता पड़ेगी। जो थोड़े रुपये बच जाएँगे, वह मैं अपने व्यक्तिगत व्यय के लिए रख लूँगा।
मेरी ओर से पूज्या माता जी को सादर चरण वन्दना। मानसी और राहुल को प्यार। मेरे योग्य कोई सेवा हो, तो अवश्य लिखें। पत्रोत्तर शीघ्र दें तथा रुपये भी जल्दी भिजवाएँ।
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अपने पिता को एक पत्र लिखकर उसमें अपने छात्रावास जीवन का वर्णन कीजिए। Letter for father in hindi
परीक्षा भवन
खजांची रोड, पटना-4
10 अप्रैल, 2020
आदरणीय पिताजी,
अपने छात्रावास जीवन का वर्णन लिखते समय मुझे रोमांच हो आया है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि माता-पिता, भाई-बहनों तथा परिवारीय सदस्यों से वियोग की वेदना कई बार मेरे मस्तिष्क में अत्यधिक खिंचाव उत्पन्न कर देती है, किन्तु अब मैं उन महान उपलब्धियों की कामना करता हूँ। जो मुझे इस छात्रावास-जीवन में प्राप्त हुई है, तो लगता है कि वास्तविक जीवन का प्रारम्भ अब हुआ है।
मैं अनुभव करता हूँ कि इस उक्ति में पर्याप्त सत्यांश है : “कॉलेज की दीवारें योग्य अध्यापकों से भी अधिक पाठ पढ़ाती हैं।” इस उक्ति में यह और जोड़ा जा सकता है कि केवल छात्रावास का जीवन ही व्यक्ति के जीवन को सच्ची बौद्धिकता प्रदान करता है, क्योंकि मैंने देखा है कि विश्वविद्यालयी छात्रों की आत्मा स्वास्थ्य तभी प्राप्त करती है जब वह जीवन के शोर-शराबे से बिल्कुल दूर हो।
सहपाठियों, कॉलेज के मित्रों तथा सबसे अधिक समनयस्कों का सहवास, विचार के आदान-प्रदान तथा संस्कृति एवं सभ्यता के ज्ञान का सुअवसर प्रदान करता है। समझता हूँ कि दो मास की इस अल्पावधि में मैंने एक सर्वश्रेष्ठ गुण अर्जित किया है। वह है अपने आपको सामूहिक जीवन के अनुरूप ढालना। आप जानते हैं कि एकमात्र पुत्र होने के कारण मैंने यह कभी भी न सोचा था कि छात्रावास के अन्य छात्र मेरे विरोधी हैं जो मेरे छात्रावासीय जीवन के सुख में व्यवधान उत्पन्न करेंगे।
किन्तु दूसरे ही दिन यह स्पष्ट हो गया कि सामूहिक जीवन में एक विशिष्ट आनन्द है। यद्यपि ऐसे जीवन में आदान-प्रदान की आवश्यकता होती है, किन्तु फिर भी इसमें प्रसन्नता है कि छात्रावास जीवन में जो आदतें मेरे भीतर विकसित हो रही हैं, उनकी सहायता से समझता हूँ कि मेरा जीवन इस तरह की लोच से परिपूरित हो जायेगा, जो मुझे स्वयं में सीमित न रहने देकर संसार के अन्य अंगों के साथ मेरा तादात्म्य स्थापित करेगा। इस जीवन के लाभ इतने अधिक हैं कि मैंने स्वयं को अनेक दिशाओं में सक्रिय कर लिया है।
सर्वप्रथम मेरी आदतें बहुत नियमित हो गई हैं और अब मैं निकम्मेपन का शिकार नहीं हूँ-उस शिशु की तरह जो जीवन की सम्पूर्ण आवश्यकताओं के लिए अपनी माँ पर निर्भर रहता है। जीवन में पहली बार मैं अनुभव कर रहा हूँ कि मेरा भी अपना स्वतंत्र अस्तित्व है और यह मेरा अपना दृष्टिकोण होगा कि मैं स्वयं को उस सामाजिक ढाँचे के साथ किस तरह संलग्न करूँ जिसका कि मैं स्वयं भी एक अंग हूँ।
मैं आपका कृतज्ञ हूँ कि आपने मुझे ‘किताबी कीड़ा’ न बनाकर जीवन का साक्षात् ज्ञान प्राप्त करने का सुअवसर प्रदान किया। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि कभी कोई शक्ति मुझे पथ से विचलित कर उन महान उद्देश्यों से विमुख न कर सकेगी जो आपने मुझे समझायें हैं। माताजी, भाइयों तथा बहिनों को यथायोग्य कहिएगा।
आपका प्रिय पुत्र
राजीव
कोरोना बंदी में फंसे होने का उल्लेख करते हुए अपने पिता (या माता) के पास एक पत्र लिखकर रुपये भेजने की प्रार्थना करें। Apne Pita ke Paas Ek Patra Likhe
कोटा, राजस्थान
05 अप्रैल, 2020
पूज्य पिता श्री,
सादर चरण स्पर्श
आदरणीय पिताजी एवं माताजी तथा सभी परिवार वाले आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे। में बंगलौर में सकुशल हूँ। आप सब को अवगत हो कि कोरोना महामारी के कारण पुरे देश में प्रधानमंत्री ने जो राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च, 2020 से शुरू की है वो अभी तक जारी है। मैं जिस हॉस्टल में रहता हूँ, वहाँ खाने-पीने और रहने की अच्छी बंदोबस्त है लेकिन कुछ अधिक पैसे खर्च हो रहा है।
यद्यपि कोचिंग संस्थान बन्द है तथापि घर लौटने की कोई इंतजाम नहीं है। इसलिए मैं हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ। खाने के महत्वपूर्ण सामग्री जैसे फल, सब्जी, दूध, चावल, आटा इत्यादि वस्तुओं के दाम बढ़ गये हैं।
लॉकडाउन ख़तम होते ही कोचिंग संस्थान खुल जाएँगे। इसलिए घर लौटना ठीक नहीं होगा। यह भी अवगत हो कि लोग आने-जाने के कारण में ही कोरोना नामक महामारी के चपेट में आ रहे हैं। इसलिए पिता जी से अनुरोध है कि अभी 10,000 रु० मेरे बैंक खाता में जमा कर दें। शेष सब कुशल है।
आपका प्रिय पुत्र
अर्णव कुमार
कोटा, राजस्थान
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अपने पिताजी को पत्र लिखकर बताइए कि आपके महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव किस प्रकार मनाया गया और आपके दो निकटतम मित्रों को किन-किन बातों के लिए पुरस्कार मिले। – Pita Ko Patra
छपरा,
02 फरवरी, 2021
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श ।
कल हमारे कॉलेज में साल का सबसे बड़ा इवेंट बड़ी धूम-धाम के साथ सम्पन्न हुआ। उसका संक्षिप्त विवरण मैं आपको लिखकर भेज रहा हूँ।
कॉलेज के वार्षिकोत्सव के लिए कॉलेज को बहुत अचे से सजाया गया था। उसे बिलकुल दुल्हन की तरह सजाया-सँवारा गया था। इवेंट का तैयारी कॉलेज के खुले प्रांगण में हुआ था।
प्रांगण के पश्चिमी भाग की ओर एक मंच निर्मित किया गया। इस समारोह में प्रधान प्रदेश के शिक्षा मंत्री मुख्य अतिथि थे, विद्यालय के प्रधानाचार्य तथा प्रबंधकारिणी परिषद् के अध्यक्ष विराजमान थे।
समारोह का शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ गीत से हुआ। कॉलेज के छात्रों ने इसके पश्चात् शिक्षा मंत्री के पेशवाई में एक सामूहिक गान प्रस्तुत किया। इसके बाद इस देश के जाने मानी गायिका नेहा कक्कर ने हमें अपने गाने पर खुद नचाया। तत्पश्चात् कॉलेज के प्रधानाचार्य महोदय ने कॉलेज संबंधी बातों का वर्णन प्रस्तुत किया तथा महाविद्यालय की जरूरतों की ओर सभी का ध्यान समाकर्षित किया। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओ को पुरस्कार दिया। पुरस्कार में मुझे भी एक मैडल तथा 5000 रूपए पुरुस्कार के रूप में मिला।
अभिषेक को बॉलीबॉल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तथा गोपाल को अतिश्रेष्ठ अनुशासित छात्र होने के नाते पुरस्कार मिले। इनाम – वितरण के पश्चात् मंत्री महोदय का भाषण हुआ, जिसमें उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से निवेदन की कि वे पढाई में मन लगाएँ तथा अपने फ़र्ज के प्रति हमेशा सजग रहें।
मंत्री महोदय के भाषण के बाद प्रधानाचार्य महोदय ने सभी आमंत्रित अतिथियों का शुक्रिया अदा किया। उत्सव की अंत राष्ट्रगीत ‘जन-गण-मन’ की धुन के साथ हुई।
पिताजी, आप यहाँ होते, हमारा इवेंट देखते, तो बहुत अच्छा होता। माता जो को सादर चरण-स्पर्श। वर्षा को प्यार।
आपका प्रिय पुत्र
रंजीत
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