हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Pad Parichay in Hindi डिटेल में पढ़ाया है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Pad Parichay in Hindi को अपने Exams या परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पद क्या है? – Pad Parichay in Hindi
वाक्य में प्रयुक्त होने वाला शब्द पद कहलाता है। जैसे ‘मोहन नित्य टहलने जाता है’, वाक्य में प्रयुक्त ‘मोहन’, ‘नित्य’, ‘टहलने जाता है’ शब्द ‘पद’ कहलाते हैं;
क्योंकि जिस प्रकार कोई स्त्री अपने सामाजिक संबंधों में कहीं पत्नी है तो कहीं भाभी, कहीं बहन है तो कहीं चाची तथा कहीं बूआ है तो कहीं मामी; ठीक इसी प्रकार वाक्य के संबंधों के बीच कभी-कभी कोई शब्द परिमाणवाचक विशेषण है तो कभी वही शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण; कहीं कोई शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा है तो कहीं वही शब्द जातिवाचक संज्ञा तथा कहीं कोई शब्द क्रियाविशेषण है तो वही शब्द कहीं संबंधबोधक! अतएव वाक्य के दूसरे शब्दों के बीच उसकी विशिष्ट स्थिति ही उसे ‘पद’ बनाती है।
पद-परिचय – Pad Parichay Kise Kahate Hain
वाक्य के बीच अपनी विशिष्ट स्थिति में पद जो भूमिका निभा रहा है उसका परिचय देना ‘पद-परिचय’ है।
जैसे – ‘मोहन जाता है’ वाक्य में ‘मोहन’ और ‘जाता है’-ये दो पद हैं। इनका परिचय निम्नलिखित रूप में देना होगा:
मोहन – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, इसकी क्रिया है-‘जाता है।
जाता है – अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता-‘राम’।
हम पढ़ चुके हैं कि शब्द आठ प्रकार के होते हैं। अतएव इन आठों प्रकार के शब्दों के परिचय में हमें क्या-क्या बताना होगा, इसे जान लेना आवश्यक है:
पद के भेद – Pad Parichay Ke Bhed
हिन्दी में ‘पद’ के आठ भेद माने जाते हैं
- संज्ञा – भेद, लिंग, वचन, कारक, क्रिया या अन्य शब्दों से संबंध।
- सर्वनाम – भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया या अन्य शब्दों से संबंध।
- विशेषण – भेद, लिंग, वचन, अवस्था, विशेष्य।
- क्रिया – भेद, काल, लिंग, वचन, कर्ता अथवा कर्म, वाच्य।
- क्रियाविशेषण – भेद, विशेष्य, क्रिया।
- संबंधबोधक – भेद, योजित शब्द।
- समुच्चयबोधक – भेद, योजित शब्द।
- विस्मयादिबोधक – भेद।
अब हम कुछ पदों का व्यवस्थित रूप में परिचय प्रस्तुत करेंगे:
- मैं कल कलकत्ता में उनको मिला था।
- जहाँ कल भयंकर वर्षा हुई थी वहाँ आज सूखा था।
- आगरा में ताजमहल बहुत सुंदर स्मारक है।
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पद-परिचय
- मैं कल कलकत्ता में उनको मिला था।
पद | परिचय |
---|---|
मैं | सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिग, एक-वचन कर्ता कारक, क्रिया का कर्ता। |
कल | कालवाचक क्रिया विशेषण, विशेष्य है ‘मिला था’ क्रिया। |
कलकत्ता में | व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन अधिकरण कारक। |
उनको | सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, पुल्लिग, एक वचन, कर्म कारक, ‘मिला था’ क्रिया का कर्म। |
मिला था | क्रिया सकर्मक, भूतकाल, पूर्णभूत, कर्तृवाच्य, कर्ता है-‘मैं’। |
- जहाँ कल भयंकर वर्षा हुई थी, वहाँ आज सूखा था। पद
पद | परिचय |
---|---|
जहाँ | स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य है ‘हुई थी’ क्रिया। |
कल | कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य है ‘हुई थी’ क्रिया। |
भयंकर | गुणवाचक विशेषण, विशेष्य है ‘वर्षा’, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक। |
वर्षा | जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक |
हुई थी | क्रिया, अकर्मक, पूर्णभूत, कर्तृवाच्य। |
वहाँ | स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य है-‘था’ क्रिया। |
आज | कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य है-‘ था’ क्रिया। |
सूखा | भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक। |
था | अपूर्ण अकर्मक, कर्तृवाच्य, ‘सूखा’ कर्ता की क्रिया। |
- आगरा में ताजमहल बहुत सुंदर स्मारक है।
पद | परिचय |
---|---|
आगरा में | व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक। |
ताजमहल | व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक। |
बहुत | विशेषण (लिंग, वचन, कारक, स्मारक’ के अनुसार)। |
सुंदर | गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन कर्मकारक। |
स्मारक | संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक। |
है | अपूर्ण क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य ‘ताजमहल’ कर्ता की क्रिया। |
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